तलवार दंपती पहुंचे आरुषि के नाना-नानी के घर
आरुषि-हेमराज हत्याकांड में नूपुर व राजेश तलवार गाजियाबाद के डासना जेल से रिहा होने के बाद सीधे नोएडा पहुंचे;
नोएडा। आरुषि-हेमराज हत्याकांड में नूपुर व राजेश तलवार गाजियाबाद के डासना जेल से रिहा होने के बाद सीधे नोएडा पहुंचे। नोएडा में वह जलवायु विहार स्थित आरुषि के नाना-नानी के यहा पहुंचे। नाना-नानी का घर जलवायु विहार में तलवार के घर के नजदीक ही है। हालांकि जेल से बाहर आने के बाद से लेकर घर की दहलीज तक पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी। वह मीडिया से मुखातिब नहीं हुए। रिश्तेदार लोगों से हाथ जोड़कर अकेला छोड़ने की बात करते दिखे। इस दौरान पुलिस बल मौजूद रहा।
शाम करीब पांच बजे डासना जेल से रिहा होने के बाद वह गाड़ी में बैठकर सीधे नोएडा के जलवायु विहार स्थित एल-241 पहुंचे। यहा आरुषि के नाना-नानी रहते है। दो से तीन दिन रहने के बाद नुपुर व राजेश तलवार दोनों ही दिल्ली के हौजखास शिफ्ट हो जाएंगे। इस दौरान दोनों ने लोगों से बातचीत नहीं की। रिश्तेदारों ने घेराबंदी कर दोनों को नाना के घर तक पहुंचाया। जाहिर है हर किसी के जहन में सिर्फ एक सवाल है कि आरुषि को किसने मारा। बताते चले कि जिस दिन दोहरा हत्याकांड हुआ उस दिन सिर्फ राजेश व नूपुर के अलावा आरुषि व हेमराज ही घर में थे। उच्च न्यायालय ने सबूतों के अभाव में ही दोनों को बरी किया है।
मां ने नजर उतारी फिर लगाया तिलक
जलवायु विहार के गेट पर पहुंचते ही नुपुर की मां ने पहले उनकी नजर उतारी इसके बाद उनकी आरती कर उनका मुंह मीठा कराया। इस दौरान नूपुर व राजेश दोनों ही भावुक हो गए।
नूपुर गेट पर ही मां के गले लगकर रो पड़ी। बामुश्किल नूपुर के रिश्तेदारों ने उन्हें हटाया। इसके बाद दोनों घर के अंदर चले गए। दरवाजा बंद कर लिया गया। रिश्तेदारों ने बताया कि दोनों को गहरा दुख है। लिहाजा सोसाइटी में वापस आने व अपने को बाहर के माहौल में ढालने के लिए उन्हें थोड़ा समय लगेगा। ऐसे में उन्हें अकेला छोड़ दे।
जा सकते है साईं मंदिर
नूपुर व राजेश जेल में साई की पूजा अर्चना करते थे। दोहरे हत्याकांड के बाद भी वह निरंतर साई मंदिर जाते रहे है। कयास लगाए जा रहे है कि वह दो दिनों बाद साई भगवान का आर्शिवाद लेने जरूर जाएंगे।
वारदात से सजा तक का सफर
>> 16 मई 2008 की सुबह आरुषि (14) की लाश मिलने के बाद नोएडा पुलिस की ओर से नौकर हेमराज को हत्यारोपी बताया गया। अगले दिन उसकी लाश छत पर पड़ी मिली।
>> करीब सात दिन बाद 23 मई को आरुषि के पिता डॉ. राजेश तलवार को गिरफ्तार किया गया। 31 मई को इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई। सितम्बर 2009 में सीबीआई की दूसरी टीम को जांच दी गई। टीम ने तलवार दंपति को आरोपी बताते हुए साक्ष्य न होने पर क्लोसर रिपोर्ट लगाई। अदालत ने क्लोसर रिपोर्ट को चार्ज शीट में तब्दील कर तलवार दंपति पर केस चलाने के आदेश दिए।
>> 26 नवम्बर 2013 को आरुषि के माता-पिता को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।