अजमेर में चांद दिखाई देने पर 804 वां उर्स शुरू हो जाएगा
राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का 806वां सालाना उर्स हिजरी संवत के जमादिउस्मानी महीने की 25 तारीख को रजब का चांद दिखाई;
अजमेर। राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का 806वां सालाना उर्स हिजरी संवत के जमादिउस्मानी महीने की 25 तारीख को रजब का चांद दिखाई देने पर यानी आगामी 13 या 14 मार्च को अजमेर दरगाह शरीफ स्थित बुलंद दरवाजे पर झंडे की रस्म के साथ अनौपचारिक रूप से शुरू हो जाएगा।
झंडे की रस्म परंपरागत तरीके से भीलवाड़ा का गौरी परिवार निभाएगा जो रोशनी से पूर्व करीब छह बजे तक चढ़ा दिया जाएगा। 17 या 18 मार्च को सुबह साढ़े चार बजे जन्नती दरवाज़ा खोला जाएगा।
दरगाह कमेटी द्वारा जारी प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत रजब माह का चांद दिखाई देने पर 18 या 19 मार्च से छह दिवसीय उर्स की विधिवत शुरुआत हो जाएगी।
इसके साथ ही रात ग्यारह बजे से उर्स की पहली महफिल की शुरुआत होगी जिसकी सदारत दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन करेंगें।
उर्स के पहले गुस्ल का सिलसिला शुरू होकर 22 अथवा 23 मार्च की रात तक चलेगा। 23 या 24 मार्च को छठी का कुल व कुरान ख्वानी होगी।
इसी दिन दोपहर एक बजे कुल की महफिल के साथ मजार शरीफ पर फताहा होगी और परंपरा अनुसार महफिलखाने में दागोल की रस्म अदा की जाएगी।
26 या 27 मार्च को बड़ा कुल आयोजित होगा जिसके साथ ही उर्स का समापन हो जाएगा।
इस दौरान दरगाह शरीफ की गुलाबजल व केवड़े से धुलाई होगी। जुम्मे की बड़ी नमाज 23 मार्च को अदा की जाएगी।
इधर अजमेर रेल मंडल प्रबंधन ने देश के विभिन्न हिस्सों पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, बिहार एवं दिल्ली आदि क्षेत्रों से चालीस उर्स स्पेशल रेलगाड़ी चलाने का निर्णय लिया है।