जिले में 788 थर्ड जेंडर,परिचय पत्र केवल 42 का

 तृतीय लिंग वर्ग को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ देने अलग से परिचय पत्र बनाया जा रहा है;

Update: 2017-08-31 13:37 GMT

बिलासपुर।  तृतीय लिंग वर्ग को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ देने अलग से परिचय पत्र बनाया जा रहा है। अब तक केवल 42 लोगों ने अपना परिचय पत्र बनवाया है। जबकि सर्वे के अनुसार जिले में  इनकी संख्या 788 है। तृतीय लिंग  वर्ग के व्यक्तियों को परिचय पत्र बनवाने में कोई रूचि नहीं है। वहीं जिले में कौशल विकास योजना के तहत इन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है, इसके प्रशिक्षण के लिए इन्हें अन्य जिले जाना पड़ेगा।

गौरतलब है कि तृतीय लिंग वर्ग के लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए शासन की ओर से इन्हें अलग परिचय पत्र मुहैया कराया जा रहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इन्हें समानता के अधिकार दिए जाने का आदेश दिया है। इसी कड़ी मेंं जिले में भी इनका परिचय पत्र बनाया जा रहा है। सर्वे के अनुसार इनकी संख्या जिले में 788 बताई जा रही है, लेकिन इसमें से केवल 42 लोगों ने ही अपना परिचय पत्र अब तक बनवाया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा इनके परिचय पत्र बनाने के लिए अलग से शिविर भी लगाया जा रहाहै। उसके बाद भी इन्हें परिचय पत्र बनवाने में कोई रूचि नहीं है। जिनका परिचय पत्र बनाया गया है, उनकी पूरी जानकारी विभाग द्वारा शासन को भेज दी गई है। ताकि इन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके। 

ऐसे जारी होगा पहचान पत्र

शासन द्वारा तृतीय लिंग वर्ग के व्यक्तियों के पहचान एवं कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर कि अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। जिसमें सदस्य मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एक सामाजिक कार्यकर्ता, तृतीय लिंग वर्ग के दो प्रतिनिधि एवं एक मनोवैज्ञानिक के साथ ही उप संचालक समाज कल्याण विभाग होगा। इस समिति द्वारा ही तृतीय लिंग वर्ग के व्यक्तियों का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा जो शासन के योजनाओं के लिए मान्य होगा।

कौशल योजना जिले में संचालित नहीं

समाज के मुख्यधारा से तृतीय लिंग को जोड़ने के लिए कौशल विकास योजना शुरू की गई है। लेकिन विडम्बना यह है कि जिले में इसके प्रशिक्षण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जिनको प्रशिक्षण लेना है उसे रायपुर, सरगुजा, रायगढ़ या फिर दुर्ग जाना पड़ेगा। जिसके कारण इन लोगों को प्रशिक्षण में कोई रूचि नहीं है। जबकि इनके लिए कौशल विकास योजना जिले में संचालित करवाना आवश्यक है।

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