मप्र में सीधी भर्ती में 73 प्रतिशत आरक्षण

मध्य प्रदेश में आरक्षण को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, अब राज्य में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले प्रदेश और जिला स्तरीय पदों 73 प्रतिशत आरक्षण किया गया है;

Update: 2022-02-01 02:09 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश में आरक्षण को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, अब राज्य में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले प्रदेश और जिला स्तरीय पदों 73 प्रतिशत आरक्षण किया गया है। इस संबंध में सोमवार को विधिवत आदेश भी जारी कर दिया गया है। वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने सरकार के इस फैसले पर तंज कसते हुए कहा है कि पिछड़ा वर्ग विरोधी भाजपा को आखिरकार पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लागू करना पड़ा है। राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सोमवार को जारी किए गए आदेश के अनुसार, प्रदेश में कुल 73 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा, यह लाभ सीधी भर्ती में मिलेगा। इसमें अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 20 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग के लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है।

इस आदेश के मुताबिक अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण आठ मार्च 2019 और ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण दो जुलाई 2019 से लागू है।

राज्य सरकार के फैसले पर कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा, भाजपा सरकार की पिछड़े वर्गों के खिलाफ साजिश की पोल खुलने लगी है, जिस तरह से आज मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तमाम जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर आठ मार्च 2019 को प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ की सरकार द्वारा लागू किए गए पिछड़ा वर्ग आरक्षण का परिपालन करते हुए 27 फीसदी आरक्षण दिया है, उसी तरह पिछड़े वर्गों की सीधी भर्ती की जाए। यह तो भाजपा का पिछड़ा वर्ग विरोधी रवैया था जो पिछड़े वर्गों को अधिकार नहीं मिलने दे रहा था।

उन्होने आगे कहा, कांग्रेस पार्टी ने पिछड़े वर्गों की लड़ाई अदालत से लेकर जमीन तक लड़ी, अब सरकार की टाला मटोली नहीं चल पाया और इन वर्गों को आरक्षण देने के लिए आदेश जारी करना पड़ा।

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