6443 करोड़ से बदलेगी शहर की सूरत
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने शषहर की सूरत व सीरत बदलने के लिए 2017-2017 के बजट में 6443.73 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है;
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने शषहर की सूरत व सीरत बदलने के लिए 2017-2017 के बजट में 6443.73 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है।
फिजूलखर्ची को रोकने के लिए इस साल के बजट में 631 करोड़ रुपए की कटौती है। जबकि 2016-2017 के बजट में 7074 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। खास बात यह है कि प्राधिकरण ने संपंत्तियों के आबंटन दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। आबंटन प्रक्रिया को प्राधिकरण और सरल करने पर विचार कर रहा है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सोमवार हुई 108 वीं बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष 2017-2018 को बजट मंजूर हुआ है, वहीं किसानों व आबंटियों के हितों में प्राधिकरण ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।
बोर्ड बैठक की जानकारी देते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी देवाषीश पांडा ने बताया कि इस साल के बजट में प्राधिकरण ने अपने संपत्तियों की दरों में कोई बढ़ोतरी न करने का फैसला लिया है।
6443 करेाड़ के बजट में से जमीन अधिग्रहण पर 1100 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है। निर्माण कार्यों व विकास कार्य पर 1100 करोड़ रूपये और ग्रामीण विकास पर 114 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है।
2017-2018 में प्राधिकरण को विभिन्न प्रकार की संपत्तियों, लीज टेंट आदि से 7120 करोड़ रुपए के आय का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस साल के बजट में प्राधिकरण की आर्थिक गतिविधि को मजबूत करने की दिषा में बेहतर कार्य करने का लक्ष्य रखा गया है। निवेश को लेकर फोकस किया जाएगा जिससे अन्य सर्विसेंज सेक्टर में निवेश हो सके।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि प्राधिकरण ने फरवरी 2009 में सेक्टर दो व तीन भूखंडों की योजना निकाली थी। जिसमें 200, 162 व 120 वर्गमीटर के भूखंड थे।
जमीन पर कोर्ट का स्थागनादेष होने के कारण कुछ आबंटियों को अभी तक कब्जा नहीं मिल पाया है। ऐसे में 571 आबंटियों को दूसरे सेक्टर में भूखंड देने का फैसला लिया गया है। जिसमें 162 वर्गमीटर के 321, 200 वर्गमीटर के 81 व 120 वर्गमीटर के 137 आबंटी है। गुलिस्तान पुर गांव के किसान भी 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा की मांग कर रहे थे।
बोर्ड ने इन गांवें के किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने का फैसला लिया है। सीईओ ने बताया कि शासन ने 12 जून से पूरे प्रदेष में ई-टेडरिंग व्यवस्था लागू कर दी है। बोर्ड ने फैसला लिया है कि एक लाख से उपर जो निविदा होगी वह ई-टेडरिंग के माध्यम से होगी।