मॉब लिंचिंग पर मोदी के समर्थन में आईं 62 हस्तियां

मॉब लिंचिंग और जय श्रीराम नारे के विरोध में चंद रोज पहले विभिन्न क्षेत्रों की 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा था;

Update: 2019-07-26 17:52 GMT

नई दिल्ली । मॉब लिंचिंग और जय श्रीराम नारे के विरोध में चंद रोज पहले विभिन्न क्षेत्रों की 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा था और अब उसी का विरोध करते हुए फिल्म जगत के कई जाने माने चेहरों समेत 62 प्रबुद्ध लोगों ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है।

देश में मॉब लिंचिंग और श्रीराम के उद्घोष की बढ़ती कथित घटनाओं पर 49 हस्तियों ने श्री मोदी को इसी सप्ताह एक पत्र लिखकर ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने की मांग की थी। इसी के जबाव में अब अभिनेत्री कंगना रनौत, गीतकार प्रसून जोशी, वीणा वादक पंडित विश्व मोहन भट्ट और फिल्म निदेशक मधुर भंडारकर समेत हस्तियों ने पत्र लिखा है। इन हस्तियों ने 49 लोगों के पत्र लिखने पर अपना गुस्सा जताते हुए इसे गलत करार दिया। 

पहले के जबावी पत्र में अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा,“कुछ लोग अपनी लोकप्रियता का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। ताकि लोगों तक ऐसा संदेश पहुंचाया जाये कि इस सरकार में सब कुछ गलत हो रहा है, जबकि यह वास्तविकता से परे है, बल्कि पहली बार ऐसा नजर आ रहा है कि चीजें सही दिशा में हैं। हम एक बड़े बदलाव का हिस्सा हैं। देश की बेहतरी के लिए चीजें बदल रही है और इसको लेकर कुछ लोग झुंझलाहट में हैं।”
वहीं निदेशक मधुर भंडारकार ने कहा,“जब लोगों को जय श्री राम कहने के लिए जेल में डाला जाता है या फिर जब दिल्ली के अंदर मंदिर पर हमला किया जाता है, तब यह लोग (49 लोग जिन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखा है) चुप्पी साधे रखते हैं और इनके पत्र को देखकर ऐसा आभास होता है कि एक अलग तरह की वैकल्पिक नाराजगी चल रही है।”

जिन 49 हस्तियों ने श्री मोदी की आलोचना की थी उनमें भी ज्यादातर हास्तियों फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी हैं। इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रबुद्धों में अनुराग कश्यप, मणिरत्नम, शुभा मुद्गल, कोंकणा सेन शर्मा, अपर्णा सेन, श्याम बेनेगल, अनुपम रॉय, बिनायक सेन, सोमित्र चटर्जी और रिद्धि सेन प्रमुख हैं। चिट्ठी में शामिल एक ने श्री मोदी से पूछा था ,“मॉब लिंचिंग, नफरत आधारित जुर्म की वारदातों में शामिल आरोपियों के खिलाफ क्या ठोस कार्रवाई की गई है।”

इन्होंने श्री मोदी से मांग की कि इस तरह के अपराध में शामिल लोगों की जमानत नहीं होनी चाहिए। लोगों की हत्या करने वालों को बिना किसी मुकदमें के उम्रकैद की सजा होनी चााहिए। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। चिट्ठी में श्री मोदी से कहा गया है कि आज देश में धर्म के नाम पर कुछ ना कुछ जरूर हो रहा है। सत्ताधारियों द्वारा किसी को भी देशविरोधी करार दिया जा रहा है। देश में जय श्रीराम का नारा युद्धघोष बन चुका है। मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर संसद में सिर्फ निंदा से काम नहीं चलेगा। इन्हें रोकने के लिए केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे।

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