मारुति सुजुकी के 4 पूर्व कर्मियों को जमानत मिली : उच्च न्यायालय
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के चार पूर्व कर्मचारियों को जमानत दे दी;
गुरुग्राम। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के चार पूर्व कर्मचारियों को जमानत दे दी, जिन्हें मारुति कारखाने में दंगा और हिंसा के मामले में पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई है। बचाव पक्ष के वकील ने यह जानकारी दी। बचाव और अभियोजन पक्ष, दोनों की बहस के बाद न्यायमूर्ति एस.एस. सरोन और न्यायमूर्ति एच.एस. मदन ने जमानत आदेश जारी किया।
वरिष्ठ अभियोजक वृंदा ग्रोवर ने मजदूरों की तरफ से बहस किया, जबकि एडवोकेट विकास पहवा ने अभियोजन पक्ष की तरफ से जमानत पर आपत्ति जताई।
गुरुग्राम के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश आर.पी. गोयल की अदालत ने 18 मार्च को मारुति कारखाने में साल 2012 के 18 जुलाई के दंगे और हिंसा के मामले संबंध में एमएसआईएल के 13 पूर्व कर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
अदालत ने चार आरोपियों जोगेन्दर, इकबाल, रामशब्द मौर्य और प्रदीप कुमार को भी पांच साल की कारावास की सजा सुनाई थी, जबकि शेष 14 अभियुक्तों के लिए यह कहा गया था कि उनके द्वारा काटी गई सजा पहले से ही पर्याप्त है।
10 मार्च को अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश की अदालत ने एमएसआईएल के मानेसर प्लांट में हत्या के प्रयास और अन्य अपराधों के लिए 31 पूर्व कर्मियों को दोषी ठहराया था।
हिंसा में मारुति सुजुकी मानव संसाधन विभाग के महाप्रबंधक अश्विन कुमार देव को जिंदा जला दिया गया था और हिंसा में 50 से अधिक लोग घायल हुए थे। कई पुलिसकर्मियों को भी चोट लगी थी।
दोषी को उनके खिलाफ साबित किए गए आरोपों के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटा गया था, जिसमें 13, 14 और चार कर्मचारी शामिल थे।