कांग्रेस खेमे में लौटने के लिए पायलट को किए गए 20 कॉल बेकार गए

राजस्थान कांग्रेस में आंतरिक कलह के बीच, कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने पायलट को वापस लाने की भरसक कोशिश की।;

Update: 2020-07-20 16:44 GMT

नई दिल्ली | राजस्थान कांग्रेस में आंतरिक कलह के बीच, कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने पायलट को वापस लाने की भरसक कोशिश की। पार्टी में कलह के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया और अपने 18 समर्थकों के साथ गायब हो जाने का रास्ता चुना। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "कांग्रेस कार्यकारिणी के दो वरिष्ठ सदस्यों ने उनसे आठ बार बात की। कांग्रेस महासचिव(संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने भी उनसे दो-तीन बार बात की। यहां तक कि गांधी परिवार के सदस्यों ने भी पायलट को पार्टी खेमे में वापस लाने की कोशिश में उनसे बात की।"

सुरजेवाला ने कहा, "अब सचिन पायलट को निर्णय करना है कि क्या वह भाजपा की साजिश में फंसना चाहते हैं या फिर इससे बाहर निकलना चाहते हैं।"

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी पायलट से बातचीत की है, लेकिन पायलट ने कहा कि उन्हें पार्टी नेतृत्व की सलाह की जरूरत नहीं है।

इन सभी बातचीत से करीबी सूत्रों ने कहा कि पायलट केवल मुख्यमंत्री का पद मिलने पर ही वापसी करना चाहते हैं, लेकिन पार्टी ने उनसे कहा है कि उन्हें राजस्थान से बाहर एकोमोडेट किया जाएगा।

पार्टी में सचिन की वापसी चाहने वाले एक कांग्रेस नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, "कांग्रेस उनपर विश्वास नहीं कर सकती क्योंकि वह भाजपा के हाथों खेल रहे हैं।"

सुरजेवाला ने कहा, "परिवार के भीतर के मसले को परिवार के अंदर ही सुलझाना चाहिए। इसे मीडिया चैनलों के माध्यम से नहीं सुलझाना चाहिए और सचिन पायलट को तत्काल भाजपा के हाथों की कठपुतली बनने से बचना चाहिए।"

कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और पी. चिदंबरम ने भी पायलट को फोन किया था।

हालांकि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने कहा पायलट से बातचीत में अब कोई प्रगति नहीं हो रही है और अब सरकार सुरक्षित है व सचिन पायलट को पार्टी में शामिल होने के लिए खुद आगे बढ़कर आना होगा।
 

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