कांग्रेस के 6 मंत्रियों समेत 17 विधायक बेंगलुरु में

मध्यप्रदेश की राजनीति में महाभारत मचा हुआ है। होली के दिन ही विधायकों के बागी तेवर ने राज्य की कमलनाथ सरकार को हिला दिया है;

Update: 2020-03-09 23:44 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में महाभारत मचा हुआ है। होली के दिन ही विधायकों के बागी तेवर ने राज्य की कमलनाथ सरकार को हिला दिया है। पहले 9 विधायकों ने समर्थन वापसी के संकेत दिए। जिसमें से 7 विधायकों को किसी तरह कमलनाथ मनाने में सफल हो गए। तो अब ज्योतिरादित्य समर्थक 17 विधायकरूठकर बेंगलुरू चले गए  हैं। पहले से ही बेंगलुरू में कांग्रेस के 2 विधायक डेरा डाले हुए हैं। जिस कारण बागी विधायकों की संख्या 19 हो गई है।

सरकार पर मंडरा रहे खतरे के संकेतों के बीच कमलनाथ ने देर रात कैबिनेट की बैठक बुला ली। बैठक में उपस्थित सभी 20 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को अपने इस्तीफे सौंप दिए। साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार का पूरा अधिकारी कमलनाथ को सौंप दिया। 

कांग्रेस की ओर से यही दावे किए जा रहे हैं कि सरकार सुरक्षित है। दूसरी ओर सिंधिया ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। कांग्रेस में संकट गहराया तो भाजपा सक्रिय हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नडï्डा और गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की। इसके साथ ही भाजपा ने मंगलवार शाम को विधायक दल की बैठकभोपाल बुला ली। 

बहुमत के लिए चाहिए 115 विधायक

मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। से इस समय दो सीटें खाली हैं। कांग्रेस के पास 114 और भाजपा के पास 107 सीटें हैं। जबकि बसपा के पास 2, सपा पर 1 और चार निर्दलीय विधायक हैं। बहुमत के लिए 115 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। लेकिन यदि कांग्रेस के विधायक वापस नहीं लौटे तो कमलनाथ सरकार का जाना तय है।

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