दागी नेताओं के लिए 12 विशेष अदालतों का गठन होगा

केंद्र सरकार का सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा, कहा;

Update: 2017-12-13 00:07 GMT

नई दिल्ली। दागी सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों को जल्द निपटाने के लिए विशेष अदालतों का गठन होगा। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दायर कर कहा कि फिलहाल एक साल के लिए 12 विशेष अदालतों का गठन होगा। इसके लिए 7.80 करोड रुपये का खर्च आएगा। वित्त मंत्रालय ने 8 दिसम्बर को इसके लिए मंजूरी भी दे दी है।

केंद्र ने दागी सांसदों व विधायकों की जानकारी व आंकड़ों के लिए सर्वोच्च न्यायालय से और वक्त मांगा है। पिछली सुनवाई में न्यायालय ने दागी सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित मुकदमों को एक वर्ष के भीतर निपटाने को देश हित में बताते हुए केंद्र सरकार को विशेष अदालतों का गठन करने के लिए कहा था। इस वक्त 1581 सांसद व विधायकों पर करीब 13500 आपराधिक मामले लंबित है। इसके लिए देशभर में करीब एक हजार विशेष अदालतों के गठन की दरकार होगी। वहीं, केंद्र सरकार ने कहा था कि वह आपराधिक मामलों को दोषी ठहराए जाने वाले सांसद व विधायकों पर आजीवन चुनाव लड़ने के प्रतिबंध के खिलाफ है।

हालांकि, सरकार के रुख से ठीक उलट चुनाव आयोग ऐसे लोगों पर आजीवन चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाने के पक्ष में है। न्यायालय ने फास्ट ट्रैक कोर्ट की तर्ज पर इन विशेष अदालतों का गठन करने के लिए कहा था।

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