सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए 10 हजार करोड़ की योजना मंजूर

सरकार ने अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को औपचारिक क्षेत्र में लाने और उनके विकास के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की योजना को बुधवार को मंजूरी प्रदान की।;

Update: 2020-05-20 17:04 GMT

नयी दिल्ली । सरकार ने अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को औपचारिक क्षेत्र में लाने और उनके विकास के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की योजना को बुधवार को मंजूरी प्रदान की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में इसके प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। इसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी जबकि शेष 40 प्रतिशत का भार राज्यों को वहन करना होगा।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को ऋण से संबद्ध सब्सिडी के माध्यम से मदद प्रदान की जायेगी। दो लाख ऐसे उद्यमों को यह सुविधा देने की योजना है। स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से पूरे देश में इसे लागू किया जायेगा। एसएचजी अपने सदस्यों को कार्यशील पूंजी और छोटे उपकरणों के लिए ऋण उपलब्ध करायेंगे। हर एसएचजी को चार लाख रुपये की आरंभिक राशि दी जायेगी। इसमें अधिकतर ऐसे उद्यमों को अधिक फायदा होगा जो ग्रामीण इलाकों में कुटीर उद्योग की तरह काम कर रहे हैं।

अनुमान है कि देश में 25 लाख अपंजीकृत, अनौपचारिक खाद्य प्रसंस्करण उद्यम हैं। इनमें करीब 66 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में हैं तथा लगभग 80 प्रतिशत का संचालन पारिवारिक कारोबार के रूप में हो रहा है। इस योजना से उन्हें नयी प्रौद्योगिकी अपनाने, खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में बेहतर पहुच बनाने तथा एक ब्रांड स्थापित करने में मदद मिलेगी।

 

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