अरुणाचल के चीनी नामकरण पर भारत ने कहा नाम बदल देने से 'अवैध कब्जा वैध नहीं हो जाता'

नई दिल्ली ! चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के छह स्थानों को अपना नाम देने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए भारत ने गुरुवार को कहा कि नाम बदल देने से 'अवैध कब्जा वैध नहीं हो जाता।;

Update: 2017-04-20 21:45 GMT

नई दिल्ली !  चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के छह स्थानों को अपना नाम देने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए भारत ने गुरुवार को कहा कि नाम बदल देने से 'अवैध कब्जा वैध नहीं हो जाता।' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैं आपसे केवल यही कह सकता हूं कि अगर आप अपने पड़ोसी देश के किसी शहर का नाम बदल देते हैं या कोई और नाम खोज लेते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं होता कि आपका अवैध कब्जा वैध हो जाएगा।"

उन्होंने कहा, "अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है और रहेगा।"

चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर 14 अप्रैल को घोषणा की कि अरुणाचल प्रदेश के छह स्थानों के उसने मानकीकृत आधिकारिक नाम रखे हैं, जिन्हें वह 'दक्षिणी तिब्बत' के नाम से बुलाता है।

ये छह नाम वो'ग्येनलिंग, मिला री, कोईंदनगारबो री, माइनकुका, बुमो ला तथा नामकापुब री हैं। मंत्रालय के मंगलवार के कदम की जानकारी देने वाले चीन के सरकारी समाचारपत्र ग्लोबल टाइम्स ने यह नहीं बताया कि उसने अरुणाचल के किन छह जगहों का जिक्र किया है।

इस महीने की शुरुआत में दलाईलामा के अरुणाचल दौरे के बाद चीन का यह कदम सामने आया है।

चीन के विदेश मंत्रालय ने तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाईलामा को पूर्वोत्तर राज्य में आमंत्रित करने की आलोचना की थी और कहा था कि इससे 'भारत को कोई फायदा नहीं' होगा।

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