अमरावती को बचाना केंद्र की जिम्मेदारी : चंद्रबाबू नायडू

आंध्र प्रदेश में तीन राजधानी वाला फॉर्मूला बनाने को लेकर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार के कदम के खिलाफ अमरावती में विरोध प्रदर्शन ने शनिवार को 200 वें दिन में प्रवेश कर लिया;

Update: 2020-07-05 03:51 GMT

अमरावती। आंध्र प्रदेश में तीन राजधानी वाला फॉर्मूला बनाने को लेकर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार के कदम के खिलाफ अमरावती में विरोध प्रदर्शन ने शनिवार को 200 वें दिन में प्रवेश कर लिया। वहीं, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि अमरावती को बचाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। इस मौके पर तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए नायडू ने लोगों से 'अमरावती बचाओ, आंध्र प्रदेश बचाओ' आंदोलन जारी रखने का आह्वान किया।

अमरावती आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 64 किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख ने आरोप लगाया कि जगनमोहन रेड्डी सरकार ने आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती को नष्ट करने के लिए कई साजिशें रचीं, जो राज्य में निवेश लाया और लोगों को रोजगार मिला।

अमरावती को वर्ल्ड-क्लास सिटी बनाने की चाहत रखने वाले नायडू ने पूछा, "क्या राज्य की राजधानी बनाने में हमारी गलती थी, जिसे पूरी दुनिया को सराहना चाहिए।"

सिंगापुर सरकार ने अमरावती के लिए मास्टर प्लान तैयार किया था, जिसके लिए आधारशिला अक्टूबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी।

अमरावती को 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत से कृष्णा नदी के तट पर विकसित करने की योजना थी। किसानों ने 33,000 एकड़ भूमि राज्य की राजधानी के विकास के लिए लैंड पूलिंग योजना के तहत दी थी।

पिछले साल चुनावों में नायडू की तेदेपा के सत्ता से बेदखल होने के बाद जगनमोहन रेड्डी ने तेदेपा शासन के दौरान शुरू की गई सभी परियोजनाओं की समीक्षा करने की घोषणा की थी। अमरावती के विकास में इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप लगाते हुए, वाईएसआरसीपी सरकार ने अमरावती में सभी काम रोक दिए और एक जांच शुरू की।

पिछले साल दिसंबर में जगन सरकार ने राज्य की तीन राजधानियां बनाने का फैसला किया और राजधानी के कुछ काम संचालन कार्य अमरावती से विशाखापट्टनम और कुर्नूल में शिफ्ट करने का निर्णय लिया।

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