असम में बोले अमित शाह- "बोडो समझौते की हर शर्त का पालन होगा"
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए, पूर्वोत्तर भारत और जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद का हिंसक दौर समाप्त हो गया है

गुवाहाटी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए, पूर्वोत्तर भारत और जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद का हिंसक दौर समाप्त हो गया है और शांति व विकास का दौर शुरू हो गया है।
पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे पश्चिमी असम के कोकराझार में एक सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा "आज से ठीक एक साल पहले देश के प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में बोडो शांति समझौता हुआ और बोडो शांति समझौते के साथ प्रधानमंत्री जी ने संदेश दिया कि उत्तर पूर्व में जहां-जहां अशांति है, वहां बातचीत कीजिए और शांति का मार्ग प्रशस्त कीजिए।"
शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ, जम्मू और कश्मीर में हिंसा को रोक दिया गया है, जबकि ऐतिहासिक बोडो शांति समझौते के साथ बोडो टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) में हिंसक चरण समाप्त हो गया है, जिसमें कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदलगुरी के चार जिले शामिल हैं।
गृहमंत्री ने कहा, "जम्मू और कश्मीर में (नवंबर में) और असम के बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) चुनावों में (दिसंबर के शुरुआती दिनों में) कोई हिंसा नहीं हुआ और बड़ी संख्या में लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।"
शाह ने कहा कि बीटीसी चुनावों की सफलता एक सेमीफाइनल है और भाजपा फाइनल मैच -असम विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेगी, जो अप्रैल-मई में संभावित है।
कोकराझार सार्वजनिक रैली का आयोजन रविवार बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए किया गया था।
इस दौरान अमित शाह ने कहा "कांग्रेस पार्टी वर्षों तक असम को रक्त रंजित करती रही। अलग-अलग आंदोलन कराती रही। पिछले 5 साल में असम में जो विकास हुआ है, वो पिछले 70 साल में नहीं हुआ। असमी-गैरअसमी, बोडो-गैर बोडो करने वालों को पहचानिए। ये लोग ऐसी बाते राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा "मुझे ये घोषणा करते हुए बहुत आनंद हो रहा है कि 500 करोड़ रुपये सिर्फ बोडो क्षेत्र के रोड नेटवर्क के लिए आवंटित किए गए हैं। ये रोड़ का जाल समस्त बोडो क्षेत्र को विकास के रास्ते पर ले जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा "वर्षों से चली आई समस्या ने 5,000 से ज्यादा लोगों की जान ली, वो मोदी जी के दृढ़ निश्चय, मार्गदर्शन और हमारे प्रमोद जी के इनिशिएटिव के कारण आज ये समस्या शांत हो गई है और आने वाले अनेक वर्षों तक हमारा बोडो क्षेत्र विकास के रास्ते पर आगे चल पड़ेगा।"
गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के कई वर्षो के दौरान 5,000 से अधिक लोग मारे गए थे और अब ऐतिहासिक बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद बीटीआर और आसपास के क्षेत्रों में पूर्ण शांति बनी हुई है और पिछले महीने के बीटीसी चुनाव में 80 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अपना वोट डाला।
2020 में @narendramodi जी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर के विकास के लिए जो बोडो शांति समझौता हुआ, मुझे उसमें रहने का सोभाग्य मिला था।
इस समझौते के समय जो भी बातें हुई थी, मैं आज उसको दोहराता हूँ और आपको विश्वास दिलाता हूँ कि उन सभी वादों को पूरा करने के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। pic.twitter.com/tasiiPXpQY
प्रधानमंत्री @narendramodi जी ने बोडो शांति समझौता करके पूरे पूर्वोत्तर के अंदर जो अशांति व हिंसा का माहौल था उसको समाप्त करने का काम किया। साथ ही Bru-Reang समझौता भी किया गया। 8 अलग-अलग हिंसक ग्रुपों के 700 लोगों ने हथियार डालकर शांति का मार्ग अपनाया। pic.twitter.com/Xv5LO5WKUw
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शांति की स्थापना की गई है और तेजी से विकास अब असम में ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में चल रहा है।
उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, जो अब तक 40 बार पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा कर चुके हैं। यह सब दिखाता है कि मोदी सरकार इस क्षेत्र को कैसे प्राथमिकता दे रही है।"
उन्होंने कहा कि बोडो समझौते के तहत 5,000 करोड़ रुपये का पैकेज बीटीआर और आसपास के क्षेत्रों में लागू किया जा रहा है, जबकि बोडो और गैर-बोडो लोगों के लिए कल्याण और विकास योजनाएं शुरू की जा रही हैं।


