अमित शाह ने चुनाव के लिए संगठन को किया तैयार
अमित भले ही भोपाल से दिल्ली लौट गए हों, लेकिन इन 3 दिन में अपनी ताबड़तोड़ बैठकों और कार्यकर्ता से लेकर आला पदाधिकारियों तक की बात सुनने के बाद संगठन को चुनाव की तैयारियों के 'मोड' में जरुर डाल गए हैं
भोपाल। अपने तीन दिवसीय प्रवास के बाद भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भले ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से दिल्ली लौट गए हों, लेकिन इन तीन दिन में अपनी ताबड़तोड़ बैठकों और कार्यकर्ता से लेकर आला पदाधिकारियों तक की बात सुनने के बाद संगठन को चुनाव की तैयारियों के 'मोड' में जरुर डाल गए हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक इन तीन दिनों में शाह ने पार्टी से जुड़े हर तबके की न केवल बात सुनी, बल्कि समय-समय पर अपने विचार भी रखे।
संगठन को कसावट देने की जो दृष्टि शाह लेकर आए थे, अगले कुछ दिन में उसका असर जरुर दिखाई देगा। शुक्रवार 18 अगस्त से शुरु हुए अपने तीन दिवसीय दौरे की शुरुआत शाह ने संयुक्त बैठक से की।
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में उन्होंने मुक्त मंथन की संकल्पना रखी, जिसके तहत जो भी जिस प्रकार का सुझाव देना चाहता था, उसे मंच दिया गया, शाह ने अपनी बात रखते हुए संदेश दिया कि संगठन मजबूत होता है तभी सरकार बनती है।
पार्टी में सबसे अहम माने जाने वाने कोरग्रुप को सशक्त बनाने की जरुरत पर बल दिया। सांसदों और विधायकों की बैठक में सबने मन की बात कही, लेकिन शाह का रुख कई मुद्दों को लेकर तल्ख भी नजर आया।
सूत्रों की मानें तो इस दौरान जनप्रतिनिधियों को स्पष्ट भी कर दिया गया कि जो ठीक काम नहीं करेगा और पार्टी संगठन की अवहेलना करेगा, उनके बारे में सख्त फैसला भी लिया जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि शाह की मंत्रिमंडल के साथ देर रात तक चली बहुचर्चित बैठक में श्री शाह ने एक-एक मंत्री से बात की। कई स्थानों पर उन्होंने कामकाज को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की।
बताया जा रहा है कि शाह ने अपने दौरे के पहले मंत्रियों का फीडबैक भी लिया था, जिसके आधार पर उन्होंने मंत्रियों को हिदायतें भी दीं। उन्होंने मंत्रियों से जिला प्रभार के क्षेत्र में दौरे करने और संगठन की मजबूती बनाए रखने के लिए कार्यकर्ताओं की समस्याओं के समाधान करने की बात भी कही।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे के दौरान पूर्व सांसदों और विधायकों को भी अपनी बात रखने का मौका मिला। बताया जा रहा है कि इस दौरान कई पूर्व जनप्रतिनिधियों ने अपनी उपेक्षा और हाशिए पर डाल दिए जाने की जमकर शिकायतें कीं।
उलाहनों के दौर के बाद शाह ने ज़िम्मेदारों को इन सभी की प्रतिभा का ठीक उपयोग करने का संदेश भी दिया। वहीं प्रवक्ताओं, मीडिया और आईटी सेल की बैठकों में शाह ने आम जनता के बीच सोशल मीडिया के माध्यम से और जुड़ने के निर्देश दिए।
निगम-मंडल, प्राधिकरण और जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर बैठकों में अध्यक्षों ने अपनी समस्याओं और अधिकारों के बारे में शासन से अपनी नाराजगी श्री शाह तक पहुंचाई।
सूत्रों ने बताया कि प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में भी श्री शाह ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने पर ही जोर दिया।
बताया जा रहा है कि शाह ने प्रदेश पदाधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी वाले क्षेत्र में ज्यादा प्रवास करते हुए संगठन को मजबूत करने पर बल दिया।
अपने करीब 60 घण्टे के प्रवास में शाह संगठन को प्रदेश में लगातार चौथी बार सरकार बनाने का मूल मंत्र दे कर गए हैं।इस समयावधि में पार्टी उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान समेत कई नेता उनके साथ मौजूद रहे।


