अमित शाह ने लोकसभा में रखा प्रस्ताव , जम्मू कश्मीर में 6 महीने राष्ट्रपति शासन बढ़ाया जाए
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू कश्मीर आरक्षण विधेयक सदन में पेश कर दिया

नई दिल्ली । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक सदन में पेश कर दिया है । गृहमंत्री ने सदन में लोकसभा में जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन 6 महीने के लिए बढ़ाने से जुड़ा प्रस्ताव सदन में रखा । इस पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि जब कोई दल राज्य में सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं था तो कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया गया था । इसके बाद विधानसभा को भंग करने का फैसला राज्यपाल ने लिया था । नौ दिसंबर 2018 को राज्यपाल शासन की अवधि खत्म हो गई थी और फिर धारा 356 का उपयोग करते हुए 20 दिसंबर से वहां राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया गया । 2 जुलाई को छह माह का अंतराल खत्म हो रहा है और इसलिए इस राष्ट्रपति शासन को 6 माह के लिए बढ़ाया जाए क्योंकि वहां विधानसभा अस्तित्व में नहीं है
अमित शाह ने कहा , कि चुनाव आयोग ने भी केंद्र सरकार और सभी राजनीतिक दलों से बात करके निर्णय लिया है कि इस साल के अंत में ही वहां चुनाव कराना संभव हो सकेगा । पिछले एक साल के अंदर जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को जड़ों से उखाड़ फेंकने के लिए इस सरकार ने बहुत से कार्य किये हैं
उन्होंने कहा,कि जम्मू-कश्मीर में कई सालों से पंचायत के चुनाव नहीं कराये जाते थे, लेकिन हमारी सरकार ने पिछले एक साल में वहां 4 हजार से अधिक पंचायतों में चुनाव कराए और 40 हजार से अधिक पंच सरपंच आज लोगों की सेवा कर रहे ।पहले कई बार जम्मू कश्मीर में हमने रक्त रंजित चुनाव देखे हैं। सबको इस पर मलाल होता था।
इस बार 40 हजार पदों के लिए चुनाव हुआ पर एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई। संसद के चुनाव में भी हिंसा नहीं हुई है। ये दर्शाता है कि हमारी सरकार ने जम्मू कश्मीर में लॉ एंड ऑर्डर बेहतर किया है


