अमित शाह ने राष्ट्रपति निशान से हरियाणा पुलिस को किया अलंकृत
हरियाणा पुलिस का सेवा, सुरक्षा, सहयोग शीर्ष वाक्य का मंगलवार को उस समय सार्थक सिद्ध हुआ जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उसकी कार्यशैली के लिए उसे राष्ट्रपति निशान प्रदान किया

करनाल। हरियाणा पुलिस का सेवा, सुरक्षा, सहयोग शीर्ष वाक्य का मंगलवार को उस समय सार्थक सिद्ध हुआ जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उसकी कार्यशैली के लिए उसे राष्ट्रपति निशान प्रदान किया जिसे पुलिस अब वर्दी के बाये बाजू पर निशान लगा सकेगी।
श्री शाह ने इस अवसर पर मधुबन स्थित हरियाणा पुलिस अकादमी के वच्छेर स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रपति निशान अलंकरण समारोह में शानदार परेड के बाद उपस्थित जवानों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज की कार्यशैली की भी सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने आज ही के दिन वर्ष 2019 में पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के एक कायराना हमले में शहीद हुये 40 जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि जब तक देश की रक्षा का इतिहास लिखा जाएगा, तब तक इन 40 जवानों के नाम स्वर्णिम अक्षरों से इसमें चिह्नित होंगे। उन्होंने पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुष्मा स्वराज की जयंती पर उन्हें भी नमन किया।
उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस को राष्ट्रपति निशान देने का सम्मान आज उन्हें मिला है, यह पुलिस का तो सम्मान है ही, लेकिन उन्हें भी बहुत गौरव की अनुभूति हो रही है। यह निशान 25 साल तक सातत्यपूर्ण सेवा, शौर्य और समर्पण से सेवा करने की समीक्षा के बाद पुलिस को प्रदान किया जाता है।
हरियाणा पुलिस का हर एक क्षेत्र में चाक-चौबंद रहने का इतिहास है, चाहे कानून-व्यवस्था की स्थिति को दुरुस्त रखना हो या सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना हो या नागरिकों के जीवन को सुलभ बनाना हो या राजधानी के नजदीक होने के कारण कई आंदोलनों से कुशलतापूर्वक और मानवीय तरीके से निपटना हो, हर क्षेत्र में हरियाणा पुलिस ने अपना शौर्य, धैर्य और साहस का परिचय दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हरियाणा पुलिस राष्ट्रपति निशान प्राप्त करने वाली देश के 10 राज्यों की पुलिस में शामिल हो गई है। इससे पहले यह सर्वोच्च सम्मान मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, त्रिपुरा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और असम राज्यों की पुलिस को मिला है। वर्ष 1951 में सबसे पहले यह निशान भारतीय नौसेना को मिला था। उसके बाद दस राज्यों की पुलिस को तथा इसके अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को मिला है।
उन्होंने कहा कि एक नवम्बर, 1966 में हरियाणा के अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आने पर इसकी पुलिस में 12,000 पुलिसकर्मी थे जो इस समय 75,000 से अधिक हो गये हैं। हरियाणा पुलिस आज पांच पुलिस रेंज, चार पुलिस कमिश्नरेट और 19 जिला पुलिस तथा रेलवे पुलिस के माध्यम से जनता की सेवा और सुरक्षा का दायित्व निभा रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हरियाणा पुलिस ने अपनी जान की परवाह किये बगैर बहादुरी का परिचय दिया और हर मुसीबत में जनता की विपरीत परिस्थितियों में भी मदद की और बुजुर्गों की सहायता तथा कमजोर और बीमार की सहायता की, इसने न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देशभर में हरियाणा पुलिस ने एक बहुत अच्छी पहचान और विश्वास के वातावरण को निर्मित किया है।
हरियाणावासियों के लिए यह गर्व की बात है कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति अच्छी है और आज हरियाणा का नाम प्रथम रहता है। गत एक वर्ष में हरियाणा पुलिस ने कई अंतरराज्यीय गैंग का सफाया करने में केंद्रीय एजेंसियों, पंजाब पुलिस, दिल्ली पुलिस और राजस्थान पुलिस के साथ मिलकर एक बहुत बड़ी सफलता हासिल की है। इसके लिए 2018 में स्थापित की गई हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स को केंद्रीय गृह मंत्री ने बधाई दी।
उन्होंने हरियाणा पुलिस के अब तक शहीद हुए 83 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने 1984 से 1994 तक 10 साल पंजाब के आतंकवाद की पीड़ा भी झेली और उसका सामना कर विजय प्राप्त की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि पुलिस को जनता के लिए अप्रोचेबल रहना, आधुनिक तकनीक को अपनाकर लोगों की कठिनाइयों को कम करना चाहिए। इस दिशा में हरियाणा ने अभूतपूर्व सुधार किये हैं। अनेक सेवाओं को ऑनलाइन करने का काम किया है। मादक पदार्थों की तस्करी पर नकेल कसने का काम किया है।


