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 2 साल बाद अमित शाह ने गुजरात विधानसभा की कार्यवाही में शिरकत की

 भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने आज लगभग दो साल के बाद विधायक के तौर पर गुजरात विधानसभा की कार्यवाही में शिरकत की

 2 साल बाद अमित शाह ने गुजरात विधानसभा की कार्यवाही में शिरकत की
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गांधीनगर। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने आज लगभग दो साल के बाद विधायक के तौर पर गुजरात विधानसभा की कार्यवाही में शिरकत की और इस दौरान विकास पर चर्चा में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भूरि-भूरि प्रशंसा की और साथ ही राज्य में 1995 के पूर्व के कांग्रेस के कथित कुशासन पर प्रहार किया और उस दौरान हावी रहे कुख्यात अंडरवर्ल्ड सरगना अब्दुल लतीफ को भी याद किया।

उन्होंने अपने भाषण में यह भी कहा कि कांग्रेस के शासन में दंगों और कर्फ्यू की बहुतायत होती थी तथा भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भी सुरक्षित तरीके से नहीं निकल पाती थी।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में प्रचंड जीत तथा इन दोनो समेत मणिपुर और गोवा में भाजपा सरकारों के गठन के बाद अपने गृह प्रदेश गुजरात के पहले दौरे पर कल पहुंचे शाह आज अपराह्न 11 बजे जब दो साल बाद विधानसभा परिसर में पहुंचे तो भाजपा कार्यकर्ताओं, विधायकों ने उनका जबरदस्त स्वागत किया। उनकी गाडी और उन पर गुलाब की पंखुडियां बरसायी गयीं।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधानसभा परिसर के मुख्य द्वार से सदन के द्वार तक मानव शृंखला बना कर उनका स्वागत किया। स्वयं मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल, विधायक सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी, कई मंत्री पार्टी के मुख्य सचेतक पंकज देसाई आदि ने सदन के दरवाजे पर उनकी अगवानी की।

अहमदाबाद के नाराणपुरा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक शाह ने इससे पहले 16 मार्च 2015 को सदन के छठे सत्र के दौरान भाग लिया था। गत 20 फरवरी को शुरू हुआ मौजूदा बजट सत्र कल समाप्त हो जाएगा।

मजेदार बात यह थी कि श्री शाह के सदन में प्रवेश से पहले ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोदी की ओर से उनके कार्यकाल में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित एम बी शाह आयोग की रिपोर्ट को सदन में रखने की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा किया था। इसके चलते इसके 20 विधायकों को आधे दिन के लिए निलंबित किया गया था तथा कांग्रेस ने कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया था।

शाह ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि हर किसी को 1995 के पहले के कांग्रेसी शासन के गुजरात की याद है जब आये दिन दंगे होते थे और लंबे समय तक कर्फ्यू लगा रहता था।रथ यात्रा तक सुरक्षित ढंग से नहीं निकलती थी। बिजली कुछ ही घंटे रहती थी।

कानून व्यवस्था की हालत लचर थी और अब्दुल लतीफ जैसे बदमाशों का बोलबाला था। उन्होंने कहा कि मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में राज्य में विकास के कई काम हुए। कानून व्यवस्था इतनी सही हो गयी कि आज की पीढी के बच्चे कर्फ्यू का अर्थ तक नहीं जानते।

भाजपा फिर जीतेगी और सदन विकास यात्रा का साक्षी बना रहेगा। बाद में शाह ने विधानसभा अध्यक्ष रमनलाल वोरा की ओर से आयोजित दोपहर के भोज में भी शिरकत की। इसमें मुख्यमंत्री तथा अन्य भाजपा विधायक और मंत्रिगण भी शामिल हुए हालांकि कांग्रेस ने इसका बहिष्कार किया।

शाह ने इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा सदन में नेता प्रतिपक्ष शंकरसिंह वाघेला से भी उनके कक्ष में मुलाकात की। उनके साथ मुख्यमंत्री तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के अलावा गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा भी मौजूद थे। दोनो पक्षों ने इसे एक शिष्टाचार मुलाकात करार दिया।

शाह आज ही भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में बैठकों में शिरकत करेंगे तथा अपने क्षेत्र में कुछ कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद रात को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री वाघाणी की ओर से आयोजित रात्रिभोज में जायेंगे। वह कल वापस नयी दिल्ली लौट जाएंगे।

गुजरात में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शाह के दौरे को खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।राज्य सरकार ने उनके सदन में प्रवेश से पहले ही आज होमगार्ड के वेतन में 100 रूपये की वृद्धि (200 से 300) करने, आशा कार्यकर्ता महिलाओं के पगार बढाने समेत कुछ लोकप्रिय घोषणाएं भी की थी।


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