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'अनबन' के बीच पंजाब के राज्यपाल ने कुलपति की नियुक्ति में लगाया अड़ंगा

पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के बीच 'मनमुटाव' के बीच, राज्यपाल ने मंगलवार को बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति के रूप में कार्डियोलॉजिस्ट गुरप्रीत वांडर की नियुक्ति को मंजूरी देने से इनकार कर दिया

अनबन के बीच पंजाब के राज्यपाल ने कुलपति की नियुक्ति में लगाया अड़ंगा
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चंडीगढ़। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के बीच 'मनमुटाव' के बीच, राज्यपाल ने मंगलवार को बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति के रूप में कार्डियोलॉजिस्ट गुरप्रीत वांडर की नियुक्ति को मंजूरी देने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि सरकार ने केवल एक नाम की सिफारिश करके नियमों का उल्लंघन किया है। राज्यपाल, जो विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं, उन्होंने सरकार से पद पर चयन के लिए तीन उम्मीदवारों का एक पैनल भेजने के लिए कह कर फाइल वापस कर दी है। दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री पहले ही अगले कुलपति के रूप में जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ वांडर की नियुक्ति की घोषणा कर चुके हैं।

देश के शीर्ष आथोर्पेडिक सर्जनों में से एक राज बहादुर ने फरीदकोट में गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अपने दौरे के दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा द्वारा अपमान का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद यह पद खाली हो गया था। यात्रा के दौरान मंत्री ने बहादुर को एक गंदे रोगी के बिस्तर पर लेटने के लिए कहा, तो उस पर विवाद हो गया। मंत्री का एक वीडियो जबरन कुलपति को बिस्तर पर लेटने के लिए कहते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

मंत्री को मेडिकल कॉलेज में साफ-सफाई की कमी पर कुलपति के साथ अभद्रता करते हुए सुना गया। वांडर को कुलपति के रूप में नियुक्त नहीं करने का कदम राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में उनके द्वारा आयोजित नागरिक स्वागत समारोह में मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति पर कड़ा विरोध करने के दो दिन बाद आया है।

राज्यपाल ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री को संवैधानिक दायित्वों की पूर्ति की याद दिलाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके हरियाणा समकक्ष बंडारू दत्तात्रेय की उपस्थिति में मंच से सार्वजनिक रूप से कहा था- उन्हें (मुख्यमंत्री को) फोन किया, लेकिन जाहिर तौर पर वह किसी मजबूरी के कारण नहीं आए हैं। जो भी मजबूरी हो, संवैधानिक दायित्व अधिक महत्वपूर्ण हैं और ऐसे अवसर पर उन्हें पूरा करना होता है।

मुख्यमंत्री मान शनिवार को आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ चुनावी राज्य गुजरात के राजनीतिक दौरे पर थे। मान सुखना लेक में भारतीय वायुसेना के 90वें एयर शो में भी नदारद थे।


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