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लड़कों के साथ यौन शोषण को पॉस्को कानून के दायरे में लाने के लिए हुआ संशोधन

 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लिंग निष्पक्ष कानून बनाने के मद्दनेजर लड़कों के साथ होने वाले यौन शोषण को मौजूदा पॉस्को कानून के दायरे में लाने के लिए संशोधन किया है

लड़कों के साथ यौन शोषण को पॉस्को कानून के दायरे में लाने के लिए हुआ संशोधन
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नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लिंग निष्पक्ष कानून बनाने के मद्दनेजर लड़कों के साथ होने वाले यौन शोषण को मौजूदा पॉस्को कानून के दायरे में लाने के लिए संशोधन किया है और इसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा, "यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पॉस्को) अधिनियम हमेशा ही लिंग निष्पक्ष कानून विकसित करने के लिए प्रयास करता रहा है। कैबिनेट ने पहले ही 12 वर्ष की कम उम्र की लड़की से दुष्कर्म के दोषी को मृत्युदंड के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इसी तरह का कानून लड़कों के साथ यौन दुराचार करने वालों के लिए भी प्रस्तावित किया गया है।"

अधिकारी ने कहा, "कानून मंत्रालय ने संशोधनों को मंजूरी दे दी है ताकि युवा लड़कों के साथ यौन उत्पीड़न के मामलों में दंड को सख्त किया जा सके। इसे अगले दो-तीन दिनों में कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।"

महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी संशोधन के लिए दबाव डाल रही थीं और इस बाबत उन्होंने पहले भी राज्यों को लिखकर यौन शोषण के पीड़ित युवा लड़कों के बराबर अधिकारों के लिए अपनी आवाज बुलंद की थी।

मेनका गांधी इससे पहले फिल्म निर्माता व कार्यकर्ता इंसिया दारीवाल की चेंज डॉट ओआरजी की याचिका का भी समर्थन कर चुकी हैं। दारीवाल ने कहा था, "लड़कों के साथ यौन शोषण को भारत में नजरअंदाज कर दिया जाता है।"


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