Top
Begin typing your search above and press return to search.

डाक्टर ने नहीं किया पीएम,मेडिकल कॉलेज रिफर

अम्बिकापुर ! बीएमओ जैसे बड़े पद पर रहने के बाद भी वरिष्ठ चिकित्सक ने एक महिला के सड़े-गले शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया।

डाक्टर ने नहीं किया पीएम,मेडिकल कॉलेज रिफर
X

धौरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मामला
अम्बिकापुर ! बीएमओ जैसे बड़े पद पर रहने के बाद भी वरिष्ठ चिकित्सक ने एक महिला के सड़े-गले शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया। इस कारण से परिजनों को पोस्टमार्टम के लिये एक दिन का इंतजार करना पड़ा। अंततरू शव को मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाकर चिकित्सकों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। मामला धौरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। इसे बीएमओ की मनमानी कहें या फिर अपने कर्तव्यों से दूर होना। मामला चाहे जो भी हो, इससे सिर्फ मृतक के परिजनों को परेशान होना पड़ा।
गौरतलब है कि लुण्ड्रा थाना क्षेत्र के ग्राम लालमाटी निवासी मितानिन महिला फूलमतिया एक्का 4 मार्च से लापता थी और 9 मार्च को उसका शव धौरपुर के आसनडीह खुलापानी जंगल में बरामद किया गया। शव आधा जला हुआ व सड़ चुका था। घटना के पास से एक बोतल भी मिली, जिसमें पेट्रोल था। इस गंभीर मामले में जहां प्रथम दृष्टया ही हत्या की पुष्टि पुलिस ने की थी, वहीं इस मामले को लेकर धौरपुर में उसके पोस्टमार्टम करने को लेकर वहां के बीएमओ ने ज्यादा रूचि नहीं दिखाई। ज्ञात हो कि धौरपुर में बीएमओ डॉ डीपी सांडिल्य सहित एक जूनियर चिकित्सक डॉ विवेक भटनागर पदस्थ हैं। किसी तरह उसे धौरपुर में ही पोस्टमार्टम करने की कार्यवाही प्रारंभ की गई, परंतु महिला के साथ कुछ गलत होने की आशंका पर एक महिला चिकित्सक का होना अनिवार्य था। इस कारण से मुख्यालय से महिला चिकित्सक को भी बुलवाया गया। वहां जाकर महिला चिकित्सक ने भी एक्सपर्ट नहीं होने की बात कही। बीएमओ चूंकि वरिष्ठ चिकित्सक हैं। इस कारण से उन्हें पोस्टमार्टम करना था, परंतु महिला का पोस्टमार्टम वहां नहीं हो सका। अंततरू शव को मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिया गया। पूरे एक दिन परिजन पोस्टमार्टम का इंतजार करते रहे। दूसरे दिन 10 मार्च को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वहीं के डॉक्टर विवेक भटनागर सहित डॉ स्नेहलता कुजूर व एमबी फॉरेंसिक अक्षय राम टेके की टीम ने महिला का पोस्टमार्टम किया। समझा जा सकता है कि सरगुजा के दूरस्थ अंचलों में पदस्थ चिकित्सकों में किसी भी गंभीर मामलों के दौरान उससे निपटने की काबिलियत पर किस स्तर तक प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है।
कई जगह खुले में होता है पीएम
धौरपुर में साल भर पहले पोस्टमार्टम कक्ष का निर्माण जरूर हुआ है परंतु वहां मूलभूत सुविधा नहीं रहने से पोस्टमार्टम अकसर बाह रही होता है। यहीं नहीं उसके आसपास लुण्ड्रा, रघुनाथपुर, बरगीडीह सहित अन्य स्थानों में अगर कोई घटना होती है तो उसका पोस्टमार्टम लुण्ड्रा में खुले स्थान पर किया जाता है।
पहली बार ऐसा हुआ-बीएमओ
धौरपुर के बीएमओ डॉ. डीपी सांडिल्य ने कहा कि चूंकि केस थोड़ा सस्पेक्टेड था। इस कारण से उसमें फॉरेंसिक चिकित्सक का रहना जरूरी था, जो सुविधा यहां नहीं है। इस कारण से पहली बार हमारे द्वारा शव को मेडिकल कॉलेज भेजा गया, ताकि उसका सही रिजल्ट सामने आ सके। मैं चूंकि फॉरेंसिक चिकित्सक नहीं हॅू इस कारण से मैने पोस्टमार्टम नहीं किया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it