विद्युत मीटरों में छेड़छाड़ विभाग कसेगा शिकंजा
अम्बिकापुर ! छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी अम्बिकापुर क्षेत्रान्तर्गत शहर संभाग में उपभोक्ताओं के विद्युत मीटरों में छेड़छाड़ कर चुम्बक द्वारा धीमा करने एवं मीटरों से बाईपास कर डायरेक्ट करने वा

शिकायत के मद्देनजर मुख्य अभियंता ने दिए कार्रवाई के निर्देश
अम्बिकापुर ! छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी अम्बिकापुर क्षेत्रान्तर्गत शहर संभाग में उपभोक्ताओं के विद्युत मीटरों में छेड़छाड़ कर चुम्बक द्वारा धीमा करने एवं मीटरों से बाईपास कर डायरेक्ट करने वाले लोगों को चिन्हांकित कर उन पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश मुख्य अभियंता मुकेश नाहर ने दिये है।
गौरतलब है कि विगत कुछ महीनों से अम्बिकापुर शहर में उपभोक्ताओं को बरगला कर उन्हें बिजली बिल में कटौती का झांसा देकर इस गिरोह के सदस्यों द्वारा उपभोक्ताओं के परिसर में लगे विद्युत मीटरों में छेड़छाड़ किया जा रहा है। इस शिकायत पर विभाग द्वारा कड़ी कार्यवाही की जा रही है। जिन उपभोक्ताओं के मीटर इस अवस्था में पाये जाने पर उन पर दोगुना पैनाल्टी लगाई जा रही है और उपभोक्ता द्वारा खपत की गई बिजली के आधार पर उन्हें स्पॉट बिल एवं जुर्माना भी वसूला जा रहा है। इस संदंर्भ में जानकारी देते हुये शहर संभाग के कार्यपालन यंत्री एसपी कुमार ने बताया कि शहर के पुराना बस स्टैण्ड, हनुमान मंदिर रोड एवं अन्य महत्वपूर्ण मार्गों सहित शहर से सटे ग्रामीण इलाकों में भी इस प्रकार की शिकायत मिल रही है जिस पर विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है। शहर में विद्युत सेवा संबंधी तकनीकी जानकारी रखने वाले कुछ लोगों द्वारा उपभोक्ताओं को गुमराह कर उनके मीटरों में इस प्रकार कृत्य किया जा रहा है इससे उपभोक्ताओं को अधिक नुकसान है क्योंकि विद्युत मीटरों में छेड़छाड़ कर चुम्बक द्वारा धीमा करने एवं मीटरो से बाईपास कर डायरेक्ट करना बिजली चोरी के अन्तर्गत आता है और इस पर विद्युत अधिनियम 2003 में उल्लेखित धारा 135 एवं 138 के अन्तर्गत कड़ी सजा का प्रावधान है। मुख्य अभियंता मुकेश नाहर ने उपभोक्ताओं से अपील करते हुये कहा कि ऐसे लोगों से सचेत रहना चाहिये, जिससे विद्युत मीटरों में छेड़छाड़ ना हो, चूंकि इस प्रकार का अनैतिक कृत्य बिजली चोरी के समान है जो कि न केवल कानूनन अपराध है बल्कि एक सामाजिक बुराई भी है। इससे संबधित उपभोक्ताओं पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है तथा उपरोक्त कृत्य में शामिल लोगो पर कड़ी कार्यवाही की जा रही है, तदापि बिजली की सुविधा प्रदान करना कम्पनी का नैतिक कर्तव्य है विद्युत की मूलभूत सुविधा से किसी को भी वंचित नहीं किया जा सकता। विद्युत सेवा का दुरुपयोग करते पाये जाने पर विद्युत अधिनियम 2003 में उल्लेखित धारा 135ए के अन्तर्गत सजा के तौर पर 03 वर्ष का कारावास या जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान हैं।
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