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आईपीएल के मैदान पर भिड़ सकते हैं एमेजॉन और रिलायंस

अमेरिकी कंपनी एमेजॉन और भारत के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी की रिलायंस के बीच जंग में नया मोर्चा खुलने वाला है.

आईपीएल के मैदान पर भिड़ सकते हैं एमेजॉन और रिलायंस
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भारत की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ अमेरिकी कंपनी एमेजॉन का मुकाबला अब एक नए स्तर पर पहुंच गया है. कई क्षेत्रों में संघर्षरत ये दोनों कंपनियां अब क्रिकेट के मैदान में एक दूसरे को चुनौती दे रही हैं. दोनों कंपनियां भारत में होने वाले क्रिकेट टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग के टीवी अधिकारों को लेकर आमने-सामने होंगी.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि एमेजॉन इंक और और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड आईपीएल के अगले पांच साल के टीवी और डिजिटल ब्रॉडकास्ट अधिकारों के लिए मैदान में उतरने वाली हैं. इस मैदान में उनका मुकाबला सोनी ग्रुप और वॉल्ट डिज्नी जैसे खेल प्रसारण के दिग्गजों से होगा.

करोड़ों ग्राहकों तक पहुंच होने के कारण आईपीएल के प्रसारण अधिकार बड़ी कमाई का जरिया माने जाते हैं, इसलिए ये अधिकार मिलना भी एक खासा महंगा होता है. कंपनियों की योजनाओं से परिचित सूत्र बताते हैं कि इन अधिकारों पर 500 अरब रुपये तक का खर्च हो सकता है.

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पिछले साल आईपीएल में विज्ञापन देने वाली बेटिंग कंपनी परिमैच के प्रमुख एंटोन रुबलिएवस्की कहते हैं, "क्रिकेट दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खेल है. अपने ढाई अरब प्रशंसकों के साथ आईपीएल तो सुपर बॉल जैसा है. अगर आप वहां नहीं हैं, तो आपका वजूद ही नहीं है.”

फिलहाल आईपीएल के प्रसारण अधिकार भारत में सबसे बड़े प्रसारकों में से एक, डिज्नी की स्टार इंडिया के पास हैं. 2022 तक के ये अधिकार उन्होंने 163.48 अरब रुपये में खरीदे थे. सिर्फ 2021 में आईपीएल के मैचों को 35 करोड़ लोगों ने देखा था.

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स्टार और सोनी जैसी कंपनियां खेल प्रसारण की पुरानी खिलाड़ी हैं. लेकिन अब नए खिलाड़ी इन दिग्गजों को चुनौती दे रहे हैं. और इनमें एमेजॉन व रिलायंस जैसी कंपनियां शामिल हैं जिनकी जेबें विशालकाय हैं. एक तरह रिलायंस है जिसके मालिक मुकेश अंबानी भारत के सबसे धनी व्यक्ति हैं तो दूसरी तरफ एमेजॉन है जिसके पीछे दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति जेफ बेजोस हैं.

पहले से जारी है संघर्ष

एमेजॉन और रिलायंस के बीच भारत में पहले से ही तीखा मुकाबला चल रहा है. दोनों कंपनियां भारत के फ्यूचर ग्रुप को लेकर अड़ी हुई हैं. मसला ये है कि भारत के 900 अरब डॉलर (66,418,15 करोड़ रुपये) के रिटेल बाजार में बड़ा खिलाड़ी कौन बनेगा, रिलायंस या एमेजॉन. जिस देश में 1.3 अरब उपभोक्ता हों, वहां कोई भी कंपनी सबसे बड़ा खिलाड़ी बनना चाहेगी.

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फिलहाल बड़ा खिलाड़ी होने का यह तमगा रिलायंस को हासिल है जिसके 1,100 सुपरमार्केट हैं. दूसरे नंबर पर फ्यूचर ग्रुप है जबकि उसकी दुकानों की संख्या (1,500) रिलायंस से ज्यादा है. दोनों ही कंपनिया ई-कॉमर्स में भी तेजी से पांव पसार रही हैं. अगर रिलायंस को फ्यूचर की संपत्ति मिल जाती है तो उसका आकार इतना बड़ा हो जाएगा कि उससे बड़ा होना लगभग असंभव हो जाएगा. इसी आधार पर रिलायंस में कई विदेशी निवेशक भारी निवेश कर रहे हैं.

एमेजॉन ने भारत में 6.5 अरब डॉलर का निवेश किया है क्योंकि कंपनी भारत में विशाल संभावनाएं देख रही है. एमेजॉन यूं भी दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी है और भारत में भी वह ई-कॉमर्स में पहले नंबर पर है. फ्यूचर ग्रुप के साथ हुए समझौते ने एमेजॉन का प्रसार घर के सामान की डिलीवरी जैसे क्षेत्र में कर दिया था.

रिलायंस का बढ़ता आकार

रिलायंस पहले ही विभिन्न क्षेत्रों में अपने पांव पसार चुकी है. अपने ज्वाइंट वेंचर वायकॉम18 के जरिए टीवी और फिल्म निर्माण में उसकी बड़ी पहुंच है. वायकॉम18 में निवेश के जरिए 1.6 अरब डॉलर उगाहने के मकसद से उसकी देसी और विदेशी निवेशकों से बातचीत जारी है.

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रिलायंस और वायकॉम ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन कंपनी की रणनीति से परिचित एक सूत्र का कहना है कि आईपीएल के अधिकार जीतना कंपनी की भविष्य की रणनीति के लिए जरूरी है. इस सूत्र ने बताया, "यह नीलामी जीतना रिलायंस की अपने जियो प्लैटफॉर्म और डिजिटल जगत में प्रसार के लिए लंबी अवधि की योजना के लिए अहम है. स्पेन की फुटबॉल लीग ला लीगा के अधिकार हासिल करना हो या खेल चैनल की स्थापना, पिछले कुछ महीनों में वायकॉम18 में जो कुछ भी हुआ है, वह इसी की तैयारी का हिस्सा है.”

एमेजॉन की तैयारी

उधर एमेजॉन का प्राइम प्लैटफॉर्म भी बड़ी योजनाओं की तैयारी कर रहा है. हाल ही में उसने क्रिकेट मैचों का लाइव प्रसारण शुरू किया है. आईपीएल के अधिकार उसके ग्राहकों की संख्या में बड़े विस्तार का मौका हो सकता है. एमेजॉन इंडिया के प्रवक्ता ने इस बारे में टिप्पणी की दरख्वास्त का जवाब नहीं दिया.

एमेजॉन के पास अपना कोई टीवी प्लैटफॉर्म नहीं है. इसलिए आईपीएल के अधिकारों के लिए उसे टीवी साझीदार खोजना होगा. या फिर वह सिर्फ डिजिटल प्रसारण के लिए बोली लगा सकती है.

पिछली बार बीसीसीआई ने डिजिटल और टीवी दोनों प्रसारणों के अधिकार सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी स्टार को बेचे थे. हालांकि अब ऐसी अटकलें हैं कि बीसीसीआई नए मॉडल पर भी विचार कर रहा है. बोर्ड के सचिव जय शाह ने हाल ही में रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि बोर्ड ने अलग-अलग मॉडल देखे हैं और कई तरह के प्रस्तावों पर विचार किया है. उन्होंने कहा, "आईपीएल जैसा टूर्नामेंट जिस कीमत का हकदार है, हम उसे पाने के लिए भरपूर कोशिश करेंगे.”

विज्ञापन जगत की जानीमानी हस्ती मीनाक्षी मेनन कहती हैं, "आईपीएल अब इतना बड़ा हो चुका है कि उसका विफल होना संभव नहीं है. इसलिए जो भी इस पूरी व्यवस्था का हिस्सा है, वह बड़ा होता जा रहा है.”


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