अमरिंदर ने खालिस्तान पर कनाडाई मंत्रियों के बयान का स्वागत किया
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रे के अमृतसर दौरे से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को कनाडा में भारतीय मूल के दो संघीय मंत्रियों के उस बयान का स्वागत किया

चंडीगढ़। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रे के अमृतसर दौरे से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को कनाडा में भारतीय मूल के दो संघीय मंत्रियों के उस बयान का स्वागत किया जिसमें उन्होंने कहा था कि वे खालिस्तान की मांग के साथ सहानुभूति नहीं रखते हैं। पिछले वर्ष अप्रैल में कनाडा के भारतीय मूल के रक्षा मंत्री हर्जित सज्जन के भारत दौरे पर उनसे मिलने से मना करने वाले अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह टड्रे से मिलने का कार्यक्रम बना रहे हैं।
अमरिंदर सिंह ने एक बयान जारी कर किसी पश्चिमी देश में प्रथम सिख रक्षा मंत्री सज्जन द्वारा खालिस्तान समर्थक बातों की स्पष्ट अस्वीकृति जाहिर करने का स्वागत किया और वहां से भारत में संगठन संचालित करने वाली अलगाववादी ताकतों के खिलाफ माहौल बनाने के लिए टड्रे को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा, "सज्जन का बयान मीडिया में बुधवार को आया था कि वह और उनके सिख साथी अमरजीत सोही भारत के पंजाब राज्य को काट कर खालिस्तान नाम के अलग देश की मांग करने वाले 'सिख नेशनलिस्ट मूवमेंट' का न तो समर्थन करते हैं और न ही उससे सहानुभूति रखते हैं। इससे पता चलता है कि कनाडा के प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी और सरकार को स्पष्ट संकेत दे दिए है कि वे भारत विरोधी गतिविधियां संचालित करने के लिए कनाडा की धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं देंगे।"
उन्होंने कहा कि सज्जन और सोही के बयान से कनाडा से बेहतर रिश्ते बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सिखों की एक बड़ी संख्या कनाडा में रहती है और इस दृष्टिकोण से भारत और कनाडा के बीच जड़ों के संबंध हैं।
सिंह ने दोहराते हुए कहा कि उन्हें टड्रे में हमेशा ही एक अच्छा इंसान पाया है। उन्होंने कहा कि फरवरी में टड्रे के भारत दौरे के दौरान पंजाब आने पर वह उनसे मिलने का कार्यक्रम बना रहे हैं।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि टड्रे के दौरे से कनाडा और पंजाब के बीच आपसी लाभ बढ़ाने के लिए व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने का अवसर प्राप्त होगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कनाडा में कुछ भारतीय मंत्रियों और सांसदों द्वारा खालिस्तान का समर्थन करने पर कनाडाई प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त की थी।


