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अमरिंदर सिंह केंद्र सरकार की कठपुतली बन गये हैं: सुखबीर सिंह बादल

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कठपुतली बन गये हैं तथा उन सभी आवाजों को दबा रहे हैं जो तीनों कृषि विरोधी कानून के खिलाफ बोल रहे हैं

अमरिंदर सिंह  केंद्र सरकार की कठपुतली बन गये हैं: सुखबीर सिंह बादल
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जालंधर। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कठपुतली बन गये हैं तथा उन सभी आवाजों को दबा रहे हैं जो तीनों कृषि विरोधी कानून के खिलाफ बोल रहे हैं।

अकाली दल अध्यक्ष ने आज यहां पत्रकार सम्मेलन में कहा कि यह स्पष्ट है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री की कमजोरियों के बारे में जानता है तथा यही कारण है कि वे सीधे मंत्रालय से आदेश ले रहे हैं तथा भाजपा नेताओं के खिलाफ विरोध कर रहे पंजाबियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की प्रंशसा में गाये जाने वाले गीत लेखकों तथा गायकों को सजा के लिए घसीटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह किसान आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा पंजाबियों के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा नहीं कर रहे हैं पर जोर देते हुए सरदार बादल ने कहा,“आपको (कैप्टन अमरिंदर) राज्य के किसानों के अधिकारों को सुरक्षित करने की लड़ाई में सबसे आगे होना चाहिए था। आपको आंदोलन का नेतृत्व करना चाहिए था तथा यहां तक कि इसके लिए बलिदान करने के लिए तैयार होना चाहिए था। ऐसा करने की बजाय, आप अपने फार्म हाउस में आराम कर रहे हैं तथा किसानों के प्रति मौखिक सहानुभूति कर दोहरा खेल खेल रहे हैं, यहां तक कि आप केंद्र के आदेशों के अनुसार कार्य करते हैं तथा केंद्र सरकार के कहने पर किसान संगठनों को डराने के लिए दिल्ली में पुलिस अधिकारियों को लगाते हैं।”

सरदार बादल ने 2017 में उनके द्वारा संशोधित एपीएमसी अधिनियम को वापिस लेने में विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया तथा जिसमें तीनों कृषि कानूनों के सभी प्रावधान शामिल थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति ऐसी थी कि अगर केंद्र ने तीन कानूनों को निरस्त भी कर दिया तो वे पंजाब में लागू ही रहेंगे क्योंकि कांग्रेस सरकार ने एपीएमसी एक्ट में किए गए बदलावों को वापिस लेने से इन्कार कर दिया था।

अकाली दल अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से यह भी कहा कि वे पिछले चार सालों में शुरू की गई विकास प्रोजेक्टों के बारे में बताएं। उन्होने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पिछले चार साल राज्य के लिए सबसे खराब रहे हैं। उन्होने कहा कि राज्य में एक भी बड़ी सड़क या समाज कल्याण योजना शुरू नही की गई थी। शगुन योजना तथा आटा दाल योजना विफल रही हैं यहां तक कि अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति का भी गबन किया गया है।

दोआबा क्षेत्र के किसानों की समस्याओं के बारे में बोलते हुए सरदार बादल ने कहा कि गन्ना उत्पादक किसानों को परेशानी हो रही है क्योंकि उनके कारण 284 करोड़ रुपये, 2019-20 के पिछले पिराई सीजन के भुगतान सहित कोई भी भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पिछले तीन साल से गन्ना राज्य सुनिश्चित मूल्य (एसएपी) में बढ़ोतरी नहीं की जिसके कारण प्रदेश के किसानों को हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के किसानों को मिले वाले 350 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले 310 रुपये प्रति क्विंटल के भाव मिल रहे थे।

सरदार बादल ने इस बारे में भी बात की कि पंजाब में किसानों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए शिरोमणि अकाली दल ने सबसे अधिक योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि 1967 में एमएसपी व्यवस्था अकालियों ने ही शुरू की थी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के लिए सिंचाई विधाएं बनाने, ट्यूबवेल कनेक्शन बढ़ाने तथा यहां तक कि किसानों को मुफ्त बिजली देने के लिए राज्य में मंडी व्यवस्था को मजबूत किया था।

इस अवसर पर बीबी जागीर कौर, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, गुरप्रताप सिंह वडाला, पवन टीनू तथा सर्बजीत सिंह मक्कड़ उपस्थित थे।


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