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चंडीगढ़ युवती मामले में पुलिस को स्वतंत्र कार्रवाई करने दी जाए: अमरिंदर

अमरिन्द ने कहा कि चंडीगढ़ में बराला के बेटे के खिलाफ एक लड़की का पीछा और उसे अगवा करने की कोशिश के आरोपों की जांच कर रही पुलिस को बिना कोई राजनीतिक दबाव के स्वतंत्र रूप काम करने दिया जाना चाहिए

चंडीगढ़ युवती मामले में पुलिस को स्वतंत्र कार्रवाई करने दी जाए: अमरिंदर
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नयी दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कहा कि चंडीगढ़ में हरियाणा प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख के बेटे के खिलाफ एक लड़की का पीछा और उसे अगवा करने की कोशिश के आरोपों की जांच कर रही पुलिस को बिना कोई राजनीतिक दबाव के स्वतंत्र रूप काम करने दिया जाना चाहिए ।

कैप्टन अमरिंदर ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि पुलिस को इस हाई प्रोफाइल मामले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच करने दी जानी चाहिए । उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ मामले को कमजोर करने की किसी तरह की कोशिश नहीं की जानी चाहिए । इस मामले में किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए और पुलिस को कानून के अनुसार तटस्थ रूप से मामले की जांच करने का पूरा अधिकार होना चाहिए ।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने इस मामले में नैतिक आधार पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के इस्तीफे की मांग को यह कहकर खारिज कर दिया कि इस घटना के लिए उन्हें कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है । देश के किसी भी हिस्से में यदि कोई निजी व्यक्ति या पार्टी नेता और उनके सगी -सम्बन्धी शामिल होते हैं तो उसके लिए श्री सिंह को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है ।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि हरियाणा प्रदेश भाजपा प्रमुख के बेटे को बचाने के लिए चंडीगढ पुलिस पर राजनीतिक दबाव डाला जा रहा है , कैप्टन सिंह ने कहा कि यह गुंडागर्दी का मामला है इस बारे में स्वाभाविक रूप से कुछ सवाल उठेंंगे । उन्होंने कहा कि वीडियो टेप के महत्वपूर्ण भाग को हटाया या नष्ट कर दिया गया है, जिससे जांच में दिक्कत होगी।

विशेषकर जब किसी महिला की गरिमा का मामला हो तो किसी को भी पुलिस बल के कामकाज में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने चंडीगढ की सांसद किरण खेर से संसद के बाहर मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि युवती का पीछा करने वाले आरोपियों से कानून के तहत सख्ती से निपटा जाना चाहिए ।

इस मामले में हरियाणा प्रदेश भाजपा प्रमुख के पुत्र विकास बारला को उसके मित्र आशिष के साथ गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया क्योंकि उनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता और मोटर वाहन अधिनियम की जमानती धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था।

इस मामले में हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी सरकार परेशानी में पड़ गयी है और विपक्षी कांग्रेस एवं अन्य दलों ने इसे लेकर भाजपा पर तीखे हमले किए हैं और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से इस्तीफे की मांग की है। इस पर खट्टर ने कहा था,“प्रदेश पार्टी प्रमुख का इस घटना से कोई लेना देना नहीं है। आरोपी यदि दोषी साबित होते हैं तो उन्हें सजा दी जाएगी।”


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