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कर्ज माफी मुद्दे पर अमरिंदर अकालियों पर बरसे

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 10 लाख 25 हज़ार किसानों के लिए राज्य सरकार की 9500 करोड़ रुपए की कृषि कर्ज माफी योजना के बारे में लोगों को गुमराह करने के लिए शियद की कड़ी निंदा की है

कर्ज माफी मुद्दे पर अमरिंदर अकालियों पर बरसे
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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 10 लाख 25 हज़ार किसानों के लिए राज्य सरकार की 9500 करोड़ रुपए की कृषि कर्ज माफी योजना के बारे में लोगों को गुमराह करने के लिए शिरोमिण अकाली दल (शियद)की कड़ी निंदा की है।

कैप्टन सिंह ने आज यहां एक बयान में कहा कि शिअद के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में किसानों एवं अन्य वर्गों के लिए एक भी कदम उठाने में पूरी तरह नाकाम रहे और कांग्रेस सरकार की आेर से उठाये जा रहे लोक कल्याण के लिए कदमों की निंदा कर रहे है।

उन्होंने इस वर्ष जून में विधानसभा सत्र के दौरान कृषि कर्ज माफी योजना की घोषणा की चर्चा करते हुये कहा,“श्री बादल ने तो विधानसभा के इस सत्र के दौरान चेहरा भी नहीं दिखाया। वास्तव में उस समय इस मुद्दे पर अकालियों के पास सरकार की बात सुनने का सब्र ही नहीं था। अकालियों के पास सकारात्मक कार्यक्रम नहीं है। वे अपनी राजननीतिक नेतागीरी चमकाने के लिए ऐसे राजनैतिक ढकोसले का ही सहारा ले रहे हैं।

” उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग अब अकालियों के ऐसे झांसे में आने वाले नहीं हैं। क्योंकि वह शांति से रहने पर आगे बढऩा चाहते हैं।

अकालियों को सिर्फ अपने राजनैतिक और निजी हितों से ही सरोकार है और उन्होंने गत इन वर्षो में राज्य के लोगों की तरक्की और भलाई के लिए सोचने की बजाय निजी हितों को ही पाला है।

अकाली दल की कोर कमेटी द्वारा कर्ज माफी संबंधी सरकार की अधिसूचना को रद्द करने पर तीखी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुये श्री अमरिंदर ने श्री प्रकाश सिंह बादल और पार्टी के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को कर्ज माफी के मुद्दे पर उनके आरोपों में से एक को भी साबित करने की चुनौती दी है।

सरकारी स्कूलों को बंद करने के मामले में श्री अमरिदंर ने कहा कि शिअद एक बार फिर सत्य को तोड़-मरोड़ कर पेश करके लोगों को गुमराह कर रहा है। वास्तव में सरकार ने 20 विद्यार्थियों से कम की संख्या वाले 800 सरकारी स्कूलों का एक किलोमीटर के घेरे के साथ लगते स्कूलों में विलय करने का फ़ैसला लिया है।

स्कूल, काॅलेज और तकनीकी संस्थान का स्तर गिर गया था। अब शिक्षा के ढांचे को पुन: पटरी पर लाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। कुछ स्कूलों का शेष स्कूलों में विलय करने के फ़ैसले से अध्यापक अमलो का प्रयोग बेहतर ढंग के साथ किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कांग्रेस के घोषणा पत्र में किये एक-एक वायदे को लागू करने के लिए वचनबद्ध है और अकालियों द्वारा विरासत में दिए आर्थिक संकट की परवाह किये बिना राज्य को फिर विकास और तरक्की की राह पर लाने के प्रयास जारी रखेगी।


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