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अमरिंदर ने रखी वेरका मेगा डेयरी प्लांट की आधारशिला

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज यहां वेरका मेगा डेयरी प्लांट की आधारशिला रखी

अमरिंदर ने रखी वेरका मेगा डेयरी प्लांट की आधारशिला
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बस्सी पठाना (फ़तेहगढ़ साहिब)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज यहां वेरका मेगा डेयरी प्लांट की आधारशिला रखी ।

इस मौके पर उन्होंने किसानों की आर्थिक स्थिति को मज़बूत करने के लिए पंजाब में फ़सल विविधीकरण की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि इसके लिये सहकारिता और पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग के आपसी सहयोग को बढ़ाना सबसे ज़रूरी है।

उन्होंने कहा कि 11 लाख लीटर प्रतिदिन दूध प्रोसेस करने की क्षमता वाला यह प्रोजैक्ट तीन पड़ावों में मुकम्मल होगा, जिससे प्रत्यक्ष तौर पर 500 व्यक्तियों को और अप्रत्यक्ष तौर पर 80 हज़ार व्यक्तियों को रोजग़ार मुहैया होगा।

उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे गेहूँ तथा धान के फ़सल चक्र से बाहर निकलने के लिए डेयरी फार्मिंग को सहायक धंधे के तौर पर अपनाएं। डेयरी को प्रोत्साहित करने से दूध की पैदावार बढ़ेगी जिसके लिए दूध के और ज्यादा प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की ज़रूरत होगी।

उन्होंने कहा कि डेयरी के धंधे को अपना कर किसान माली हालत में सुधार ला सकते हैं क्योंकि बीज, खादें और कीटनाशक दवाओं की कीमतें लगातार बढऩे के कारण और परंपरागत फसलों की सहायक कीमतें लाभप्रद न होने के कारण किसान आर्थिक मंदहाली का सामना कर रहे हैं।

किसान विरोधी संस्थाओं और विरोधी पार्टियों के धान खरीद को लेकर सरकार के खिलाफ किये जा रहे झूठे प्रचार की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक पंजाब में 160 लाख टन धान की खरीद की जा चुकी है और 157 लाख टन धान की मंडियों में से ढुलाई हो चुकी है और किसानों को उसकी अदायगी भी की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि मंडियों में तय नमी से ज़्यादा मात्रा में नमी वाला धान पड़ा है और इसकी भी जल्द ही खरीद की जायेगी। अकाली बेवजह धान खरीद के मामले पर झूठी बयानबाज़ी कर रहे हैं ।पंजाब के लोगों ने अकालियों को पहले ही नकार दिया है और अब उनके अपने सीनियर नेता पार्टी छोडक़र जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से पराली को न जलाने सम्बन्धी सख़्त हिदायतें जारी की गई हैं जिनका पालन करना हरेक व्यक्ति के लिए ज़रूरी है। कानून सबके लिए बराबर है।

कैप्टन सिंह ने संतोष जताया कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल की अपेक्षा इस साल कमी आयी है । मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से माँग की थी कि किसानों को धान के समर्थन मूल्य के अलावा पराली की संभाल के लिए 100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से मुआवज़ा दिया जाये जिससे किसान पराली को आग न लगाएं ।


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