अल्टरनेटिव डॉक्टर बैठे अनिश्चितकालीन धरने पर
अल्टरनेटिव चिकित्सा क्लिनिकों को बिना किसी सूचना के बंद किए जाने के बाद छत्तीसगढ़ अल्टरनेटिव सेवा समिति द्वारा ज्ञापन सौंप कर क्लिनिक खुलवाने की मांग की गई.....

बिलासपुर। अल्टरनेटिव चिकित्सा क्लिनिकों को बिना किसी सूचना के बंद किए जाने के बाद छत्तीसगढ़ अल्टरनेटिव सेवा समिति द्वारा ज्ञापन सौंप कर क्लिनिक खुलवाने की मांग की गई वहीं आज अल्टरनेटिव चिकित्सकों ने नेहरु चौक पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये।
ज्ञात हो कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा नर्सिंग होम एक्ट का पालन नहीं करने वाले डाक्टरों के क्लिनिकों पर छापामार कार्रवाई कर सील किया गया। कार्यवाही में अल्टरनेटिव चिकित्सकों के क्लिनिकों को बंद किया गया जिसका विरोध किया गया। चिकित्सकों का कहना है कि अल्टरनेटिव चिकित्सक मान्यता प्राप्त संस्था से डिग्री / डिप्लोमा धारी चिकित्सक हैं।
अल्टरनेटिव चिकित्सा को विभिन्न उच्च न्यायालयों व भारतीय चिकित्सा पद्धति का एक भाग मानते हुए वैध करार दिया है उच्च न्यायालयों द्वारा अल्टरनेटिव चिकित्सकों को प्रेक्टिस से रोकने को अवैधानिक करार दिया है। छ.ग.चिकित्सा मंडल अधिनियम 2001 की धारा 2 की उपधारा (ग) से अल्टरनेटिव चिकित्सा पद्धति एवं दूसरी समस्त शाखाएं शामिल हैं। अल्टरनेटिव चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद होमियो, यूनानी, आदि चिकित्सा पद्धति की तरह हानि रहित चिकित्सा पद्धति है। 15.3.2017 से चिकित्सकों के व्यवसाय स्थलों पर बिना किसी सूचना, जांच किए तालाबंदी की गई है।
अल्टरनेटिव चिकित्सक ग्रामीण क्षेत्रों में समय-समय पर शासकीय कार्यक्रमों में अपना सहयोग प्रदान करते हैं। जिससे शासन को मान्यता संबंधी कई परेशानियों से सहयोग ही मिलता है। इनकी मांग है कि अल्टरनेटिव चिकित्सा को मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें प्रेक्टिस करने की अनुमति प्रदान की जाए जब तक क्लिनिक की तालाबंदी नहीं खुलती अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।


