दुष्कर्म के खिलाफ भी सख्त कानून बनाने में जल्दी दिखाते तो बेहतर होता : मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने आज कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को पास कराने के लिए केंद्र सरकार ने जितनी जल्दबाजी दिखाई

लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने आज कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को पास कराने के लिए केंद्र सरकार ने जितनी जल्दबाजी दिखाई है, अगर दुष्कर्म के खिलाफ सख्त कानून बनाने में भी जल्दी दिखाई होती, तो बेहतर होता। मायावती ने ट्वीट किया, "बसपा ने नागरिकता संशोधन विधेयक का संसद के दोनों सदन में जबर्दस्त विरोध किया व इसके विरुद्घ वोट भी दिया। इस विधेयक को पास कराने हेतु केन्द्र ने जितनी जल्दबाजी दिखाई है यदि उतनी ही जल्दबाजी देश में महिला उत्पीड़न व रेप-मर्डर आदि पर अंकुश लगाने हेतु सख्त कानून बनाने पर भी दिखाई होती, तो यह बेहतर होता।"
1. जैसाकि विदित है कि बी.एस.पी. ने नागरिकता संशोधन बिल का संसद के दोनों सदन में जबर्दस्त विरोध किया व इसके विरुद्ध वोट भी दिया।
— Mayawati (@Mayawati) December 13, 2019
बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि इस मुद्दे पर राज्यों को केवल पत्र लिखने की खानापूर्ति करने से इसका कोई सार्थक हल निकलने वाला नहीं है।
2. और इस बिल को पास कराने हेतु केन्द्र ने जितनी जल्दबाजी दिखाई है यदि उतनी ही इनको देश में महिला उत्पीड़न व रेप-मर्डर आदि पर अंकुश लगाने हेतु सख्त कानून बनाने पर भी दिखाई होती, तो यह बेहतर होता।
— Mayawati (@Mayawati) December 13, 2019
3. जबकि इस सम्बन्ध में राज्यों को केवल पत्र लिखने की खानापूर्ति करने से इसका कोई सार्थक हल निकलने वाला नहीं है।
— Mayawati (@Mayawati) December 13, 2019
इससे पहले आरक्षण के मुद्दे पर राज्यसभा में भूमिका को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधा।
उन्होंने ट्वीट किया कि संविधान के 126वें संशोधन विधेयक में एससी-एसटी आरक्षण को 10 वर्ष बढ़ाने की व्यवस्था है, जिसके राज्यसभा में पारित होने में बाधा डालकर कांग्रेस ने अपनी दलित विरोधी सोच का परिचय दिया है।


