बच्चों के चहुंमुखी विकास के लिए शारीरिक व मानसिक स्वस्थ होना जरुरी
बच्चे देश के भावी कर्णधार हैं, हर बच्चा अपने आप में विशेष है और उसके विकास के लिए विद्यालय व अभिभावकों की समान भागीदारी होती है

ग्रेटर नोएडा। बच्चे देश के भावी कर्णधार हैं, हर बच्चा अपने आप में विशेष है और उसके विकास के लिए विद्यालय व अभिभावकों की समान भागीदारी होती है।
बच्चों के चहुंमुखी विकास के लिए जरूरी है कि उसे शारीरिक व मानसिक विकास के लिए खेल-खेल में योग, स्वच्छता, खेलकूद आदि के महत्व से परिचित करवाया जाए। विद्यालय में बच्चों के अंदर पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक व मानसिक विकास के जीवनोपयोगी संस्कार भरना भी विद्यालय का दायित्व है।
यह बात दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या रेणु चतुर्वेदी ने जूनियर विंग के स्पोर्ट्स मंत्रा कार्यक्रम में व्यक्त किया। कार्यक्रम में नर्सरी, प्रैप व पहली कक्षा के लगभग 800 बच्चों ने योग, ऐरोबिक्स, भांगड़ा, मार्चपास्ट, स्वागत गीत, सात स्वरों से जुडे गीत आदि प्रस्तुतियों से मन मोह लिया। बच्चों ने योग की प्रस्तुति से दर्शकों को योग को जीवन में अपनाने का संदेश दिया, वहीं टक-बक, टक-बक ता-ता थैया।
पॉलीबैग को ना-ना भैया गीत व नृत्य प्रस्तुति से पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छता का संदेश दिया। इस अवसर पर अभिभावकों के लिए वॉटर मेलन रेस व फिशर मैन रेस का आयोजन किया गया, जिसमें अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि एडिशनल जिला मजिस्ट्रेट, गौतमबुद्ध नगर कुमार विनीत ने नन्हे-मुन्नों की हौसला अफजाई की। वे विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों से अभिभूत दिखाई दिए। उन्होंने बच्चों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि आज के इस युग में स्वच्छता, योग और खेलकूद जैसे संस्कारों से बच्चों को जोड़ना विद्यालय का नैतिक दायित्व है।
यदि इस उम्र से ये संस्कार बच्चों के मन में उतरेंगे, तो देश के ये नौनिहाल भविष्य में एक आदर्श व स्वस्थ जीवन जी सकेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों की मनभावन प्रस्तुतियों ने उन्हें अपने बचपन में पहुंचा दिया है। विद्यालय प्रबंध समिति की सम्मानित सदस्या प्रो नजमा अख़्तर ने कहा कि जिस टीम में कुछ करने का जज़्बा होता है, वही ऊंचाइयों को छूती है। उन्होंने यह भी कहा कि खेल-खेल में बच्चों को पर्यावरण, स्वास्थ्य,स्वच्छता का संदेश देना बेहद ज़रूरी है।


