यमुना में 110 औद्योगिक भूखंड का आबंटन
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पहली बार ऑनलाइन औद्योगिक भूखंडों के आबंटन की प्रक्रिया शुरू की

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पहली बार ऑनलाइन औद्योगिक भूखंडों के आबंटन की प्रक्रिया शुरू की। प्राधिकरण ने बृहस्पतिवार सीआर सेल में ओएसडी शैलेंद्र भाटिया के अध्यक्षता में औद्योगिक भूखंडों का ड्रा निकाला गया। जिसमें 110 लोगों को सफल आवेदन घोषित किया गया।
सफल आबंटियों को अब 60 दिन के अंदर आनलाइन बीस फीसदी राशि जमा करना होगा। प्राधिकरण सफल आबंटियों को ऑनलाइन ही आबंटन पत्र जारी करेगा। मौके पर मौजूद आवेदकों ने भूखंड आबंटन पर पूरी तरह पारदर्शिता बरतने पर खुशी जाहिर की।
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने एक मार्च सेक्टर-32 व 32 में चार हजार वर्गमीटर से कम के 156 भूखंडों की योजना निकाली थी। प्राधिकरण पहली बार भूखंडों की योजना ऑनलाइन निकाली और इसके लिए ऑनलाइन ही आवेदन मंजूर किया गया। आवेदकों को ऑनलाइन से भूखंड का दस फीसदी रजिस्ट्रेशन शुल्क भुगतान डीपीआर जमा किया। इसके साथ आवेदकों से डीपीआर की हार्ड काफी भी प्राधिकरण ने जमा कराया।
योजना में 300 वर्गमीटर के 64, 450 के 58, 595 के 20, 1000 के 13 व 1800 वर्गमीटर के एक भूखंड थे। यानि 156 भूखंड के लिए 152 लोगों ने आवेदन किया था। जिसमें 300 वर्गमीटर के लिए 40, 450 वर्गमीटर के लिए 40, 595 वर्गमीटर के लिए 16, एक हजार वर्गमीटर के लिए 24 व 1800 वर्गमीटर के लिए चार आवेदन आए थे।
ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि 300, 450, 595 वर्गमीटर के भूखंडों की संख्या में कम आवेदन आए थे, इसलिए सभी भूखंड आबंटित कर दिया गया, सिर्फ उनके भूखंड नंबर का ड्रा निकाला गया। 1000 वर्गमीटर 13 भूखंड के लिए 24 आवेदन व 1800 वर्गमीटर एक भूखंड के लिए चार आवेदन आया था।
दोनों श्रेणी के भूखंडों का ड्रा कराया गया। स्कूली बच्चों ने पर्ची निकाल कर 14 लोगों के भाग्य का फैसला लिया। 14 लोगों के भूखंडों के साथ भूखंड नंबर की भी पर्ची ड्रा के माध्यम से निकाला गया। इस आधार पर 110 लोगों को सफल आवेदक घोषित किया गया। ड्रा के दौरान पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वीडियो ग्राफी भी कराया गया।
ड्रा के दौरान अधिकांश आवेदक भी उपस्थित थे। सफल आवेदकों को ऑनलाइन आबंटन पत्र जारी किया जाएगा। उन्हें छह माह के अंदर भूखंड पर कब्जा दिया जाएगा। 110 औद्योगिक भूखंडों का आबंटन होने से करीब पांच हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।


