बायर्स का पैसा वापस न हुआ तो जेपी का आबंटन होगा रद्द
आशियाने का सब्जबाग दिखाकर हजारों बायर्स का पैसा डकारने वाला जेपी ग्रुप फ्लैट व भूखंड देने में पूरी तरह नाकाम रहा ही अब वह निवेशकों का पैसा भी नहीं देना चाहता है
ग्रेटर नोएडा। आशियाने का सब्जबाग दिखाकर हजारों बायर्स का पैसा डकारने वाला जेपी ग्रुप फ्लैट व भूखंड देने में पूरी तरह नाकाम रहा ही अब वह निवेशकों का पैसा भी नहीं देना चाहता है। निवेशकों व यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के आधिकारियों के सामने जेपी ग्रुप के अधिकारी साफ तौर पर नाकार गया कि वह निवेशकों का पैसा 2019 से पहले वापस नहीं कर सकता है।
इस पर निवेशकों का गुस्सा फूट पड़ा और हंगामा शुरू कर दिया, जेपी ग्रुप के अधिकारियों को पिछले दरवाजे से भाग कर अपनी जान बचानी पड़ी। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरूणवीर सिंह ने निवेशकों के दर्द को समझते हुए उन्हें भारोसा दिलाया कि उनका एक भी पैसा नहीं डूबने देंगे और अगर जेपी ग्रुप ने 31 अक्टूबर तक पैसा वापस नहीं किया तो उसका आबंटन निरस्त कर दिया जाएगा। प्राधिकरण जेपी की जमीन को बेच कर निवेशकों का पैसा वापस करेगा। इसका प्रस्ताव प्राधिकरण अगली बोर्ड बैठक में भी ला सकता है। सीईओ के आश्वासन पर निवेशकों का गुस्सा शांत हुआ। एसडीजेड स्पोटर्स सिटी में यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने बुद्धा सर्किट-एक, बुद्धा सर्किट-दो में फ्लैटों की योजना निकाली थी। इाके अलावा उड़ान, यमुना विहार, व नेचर व्यू के नाम से भी प्रोजेक्ट लांच कर फ्लैट व भूखंड बुक किया था।
जेपी ग्रुप के इन सभी प्रोजेक्ट में करीब तीन हजार से ज्यादा निवेषकों से फ्लैट बुक कराया। ज्यादातर लोगों ने 80 फीसदी से ज्यादा पैसा जमा कर चुके है। बुद्धा सर्किट-दो, उड़ान आदि प्रोजेक्ट जेपी इंफ्राटेक कंपनी के तहत है। जबकि अन्य प्रोजेक्ट एसोसिएट के नाम है। जेपी इंफ्राटेक अब आईआरपी के तहत है। जेपी ने अभी तक किसी भी प्रोजेक्ट का काम पूरा नहीं किया है। यहां तक उसने कई प्रोजेक्ट को रद्द भी कर दिया है। प्रोजेक्ट रद होने के बाद निवेशकों लगातार जेपी कार्यालय का चक्कर लगा रहे है कि उनका पैसा वापस किया जाए कि लेकिन जेपी 2019 से पहले पैसा देने का तैयार नहीं है। निवेशकों व बिल्डर के साथ यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के सीईओ के बार त्रिपक्षीय वार्ता कर चुके है। जेपी ग्रुप के ग्रुप के अधिकारियों ने उस दौराल दो साल के अंदर पैसा वापस करने की बात कही है।
जिस पर सीईओ ने कहा था कि वादा किए एक साल बीत चुका है इसलिए एक साल के अंदर चार किश्तों में सभी निवेशकों का पैसा वापस करें। और निवेषकों को पहला किश्त 31 अक्टूबर तक वापस दें। बुधवार यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में सैकड़ों वार्ता के लिए पहुंचे और वहां जेपी के प्रिितनधि अजीत कुमार भी मौजूद थे। निवेशकों ने जेपी ग्रुप के प्रतिनिधि से साफ तौर से कहा कि उनका पैसा वापस करें। सीईओ ने कहा कि जब निवेशक पैसा वापस चाहते है तो उन्हें पैसा वापस किया। सीईओ ने कहा कि जेपी ग्रुप को जमीन लीज पर दी गई है उस पर प्राधिकरण का अधिकार है। जेपी इंफ्राटेक दिवालिया होने पर भी निवेशकों का हित नहीं मारा जाएगा।


