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प्रतिष्ठित जीवाजी क्लब में कथित इज्जतदार खेल रहे थे जुआ, पुलिस पहुँची तो हुआ ये..
जीवाजी क्लब 125 वर्ष पूर्व सिंधिया परिवार द्वारा स्थापित किया गया था। दारू पीकर लड़ाई झगड़े व अन्य शिकायते पहले भी इस क्लब की दीवारों से बाहर आती रही हैं। लेकिन जुआ पकड़े जाने का सम्भवतः यह पहला मामला है

गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: शहर के कथित इज्जतदारो व धनाढ्यों की संस्था जीवाजी क्लब से पुलिस ने 11 जुआरियों को रंगे हाथों जुआ खेलते दबोचा है। पकड़े गए जुआरियों से पुलिस ने तीन लाख 35 हजार रुपए और ताश की गड्डियां बरामद हुई हैं। सभी जुआरी शहर के इज्जतदार व नामचीन कारोबारी बताए जा रहे हैं। जीवाजी क्लब शहर का प्रतिष्टित क्लब है, जिसे 125 वर्ष पूर्व सिंधिया परिवार द्वारा स्थापित किया गया था। दारू पीकर लड़ाई झगड़े व अन्य शिकायते पहले भी इस क्लब की दीवारों से बाहर आती रही हैं। लेकिन जुआ पकड़े जाने का सम्भवतः यह पहला मामला है।
मंगलवार देर शाम पुलिस को सूचना मिली कि जीवाजी क्लब में जुआरियों का जमघट लगा है। इसी सूचना पर सबंधित थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने संयुक्त रूप से क्लब के कमरा नंबर चार में दविश दी तो कमरे के अंदर जुआ खेलते कुछ लोग मिले। जुआ खेलने वाले 11 आरोपियों को पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ लिया। साथ ही पुलिस ने मौके से तीन लाख तीस हज़ार पंद्रह रूपए और ताश की गड्डियां बरामद की। पकड़े गए आरोपी शहर के नामचीन कारोबारी बताए जा रहें हैं। पकड़े गए जुआरियों की पहचान ध्रुव, हेमन्त, दिलीप, सुनील, ब्रजेश, गजेंद्र, बलवंत, पानसिंह, अवधेश, मनोज और राकेश के रूप में हुई है, जिनके खिलाफ जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।
गौरतलब है कि शहर के सभी बड़े व्यापारी इस क्लब के सदस्य हैं। साथ ही शहर के वरिष्ठ आईएएस आईपीएस भी इस क्लब में अक्सर जाते रहते हैं। सूत्रों की माने तो स्पोर्ट व सांस्कृतिक क्रियाकलापों से ज्यादा यह क्लब जुआ व शराब खोरी के लिए कुख्यात है। इस मामले में क्लब के पक्ष जानने के लिए देशबन्धु संवाददाता गजेन्द्र इंगले ने क्लब के सचिव तरुण गोयल को फोन लगाया तो प्रश्न सुनते ही उन्होंने फोन काट दिया फिर बार बार फोन करने पर फोन ही नहीं उठाया। उनका इस तरह से प्रश्न से बचना क्लब के क्रियाकलापों पर सवाल खड़े करता है।
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