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असम के मुख्यमंत्री के पत्नी की कंपनी को सब्सिडी देने के आरोप

क्या असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की पत्नी के नेतृत्व वाली कंपनी को केंद्र सरकार से दस करोड़ रुपए की सब्सिडी मिली है? कांग्रेस नेता गौरव गोगोई के इस आरोप से असम की राजनीति में हलचल तेज हो गई है.

असम के मुख्यमंत्री के पत्नी की कंपनी को सब्सिडी देने के आरोप
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हिमंता ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा है कि इसके सच साबित होने पर वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे. हालांकि बवाल थमने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है. गुरुवार को इस मुद्दे पर राज्य विधानसभा में भी जम कर हंगामा हुआ.

क्या है आरोप

लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने बुधवार को एक ट्वीट में आरोप लगाया कि हिमंता की पत्नी रिंकी की कंपनी प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को केंद्र सरकार से 10 करोड़ की सब्सिडी मिली है. उन्होंने ट्वीट के साथ केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की वेबसाइट का एक स्क्रीनशॉट भी लगाया था.

प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड पूर्वोत्तर की एक प्रमुख मीडिया कंपनी है. इसकी वेबसाइट के मुताबिक मुख्यमंत्री की पत्नी रिंकी भुइयां सरमा इसकी चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) हैं. कंपनी अधिनियम 1956 के तहत पंजीकृत इस कंपनी की पहुंच देश-विदेश में 10 करोड़ दर्शकों तक है.

गौरव गोगोई का आरोप है कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पत्नी के मालिकाना हक वाली फर्म को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी के तौर पर दस करोड़ रुपए दिलाने में मदद पहुंचाई. उनका सवाल था कि क्या केंद्र सरकार की योजनाएं बीजेपी नेताओं को धनवान बनाने के लिए हैं?

गोगोई का दावा है कि खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की वेबसाइट पर संबंधित कंपनी और उसके मालिक का साफ तौर पर जिक्र किया गया है.

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कांग्रेस के एक अन्य नेता बताते हैं कि इस मामले में काम करने का तरीका बेहद आसान है. इसके तहत कृषि की जमीन खरीद कर इसके औद्योगिक जमीन में बदल कर केंद्र से 10 करोड़ की सब्सिडी ली गई है.

कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध दस्तावेजों और खबरों के हवाले दावा किया है कि रिंकी भुइयां सरमा ने नगांव जिले के दारीगाजी गांव में खेती की 50 बीघे जमीन खरीदी थी. इसके बाद इस जमीन का इस्तेमाल बदलने की वजह से उनको केंद्र से 10 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिल गई.

एक असमिया न्यूज पोर्टल ने हाल में छपी अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि नगांव जिले में खरीदी गई खेती की 50 बीघे जमीन के ज्यादातर हिस्से को एक महीने के बीतर ही औद्योगिक जमीन के तौर पर वर्गीकृत कर दिया गया था.

मुख्यमंत्री की सफाई

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस के आरोप को निराधार बताया है. उन्होंने कहा है कि उनकी पत्नी या उसकी कंपनी ने केंद्र से कोई सब्सिडी नहीं हासिल की है. सरमा ने दावा किया कि अगर यह आरोप साबित होता है वे कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हैं और राजनीतिक जीवन से भी संन्यास ले लेंगे.

तृणमूल कांग्रेस नेता सुष्मिता देब ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि असम के मुख्यमंत्री की पत्नी ने अपनी कंपनी के जरिए सीलिंग एक्ट का उल्लंघन करते हुए खेती की जमीन खरीद कर उसे औद्योगिक जमीन में बदलवा दिया और उस पर 10 करोड़ की सब्सिडी भी हासिल कर ली. यह सब 10 महीने के बीतर हो गया. यह क्या रहस्य है—वाशिंग मशीन..

बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा में इस मुद्दे पर जम कर हंगामा हुआ. कांग्रेस ने इस आरोप पर बहस के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया था. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उसको मंजूरी नहीं दी. इससे नाराज कांग्रेस और सीपीएम विधायक अध्यक्ष की कुर्सी के पास पहुंच गए और नारे लगाने लगे. उन्होंने अपने हाथो में पोस्टर और नारे लिखी तख्तियां ले रखी थीं.

बवाल बढ़ने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने दो बार 15 और 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. हालांकि उसके बावजूद हंगामा होता रहा. आखिर में विपक्ष के तमाम विधायक सदन से वाकआउट कर गए.


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