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नीट परीक्षा के लिए सभी राज्यों ने दिया ठोस इंतजाम का भरोसा: निशंक

रविवार को देशभर में आयोजित की जा रही नीट परीक्षा के लिए केंद्र के साथ-साथ विभिन्न राज्य सरकारों ने भी व्यापक व्यवस्थाएं की हैं।

नीट परीक्षा के लिए सभी राज्यों ने दिया ठोस इंतजाम का भरोसा: निशंक
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नई दिल्ली | रविवार को देशभर में आयोजित की जा रही नीट परीक्षा के लिए केंद्र के साथ-साथ विभिन्न राज्य सरकारों ने भी व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। राज्यों के पुलिस महानिदेशक एवं मुख्य सचिव परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा एवं छात्रों की सुविधा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एनटीए ने कई राज्यों में सैकड़ों छात्रों की मांग के अनुरूप अंतिम समय में परीक्षा केंद्र भी नए सिरे से आवंटित किए हैं।

रविवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, सभी राज्य सरकारों ने भारत सरकार द्वारा जारी स्वास्थ्य दिशा-निदेशरें का अनुपालन करते हुए समुचित इंतजामों के साथ ठोस व्यवस्थाएं की हैं, इसके लिए सभी राज्यों का आभार व्यक्त करता हूं।

रविवार को नीट की परीक्षा 3,862 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जा रही हैं। इन परीक्षा में शामिल होने के लिए लगभग 16 लाख से अधिक छात्रों ने फॉर्म भरा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा, आज नीट की परीक्षा में बैठ रहे सभी अभ्यर्थियों को मैं ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि नीट की परीक्षा में भी जेईई की तरह ही सभी अभ्यर्थी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पूर्ण धैर्य, आत्मसंयम और आत्मविश्वास के साथ परीक्षा देंगे।

निशंक ने नीट परीक्षाओं की व्यवस्था के लिए सुदूर उत्तर पूर्वी राज्यों समेत, हरियाणा, गुजरात, गोवा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात की है। निशंक ने इस दौरान मुख्यमंत्रियों से नीट परीक्षाओं में छात्रों को आवश्यक सुविधा प्रदान करने की अपील की है।

निशंक ने कहा, वैश्विक आपदा कोविड-19 के कारण संपूर्ण विश्व का शैक्षिक एवं अकादमिक जगत व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है और वर्तमान हालात में शीघ्र ही हमें इस बीमारी से निजात मिलती हुई भी दिखाई नहीं दे रही है। चाहे यू.जी. पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाएं हो अथवा डिग्री के अंतिम वर्ष की, परीक्षाओं का आयोजन इसलिए आवश्यक है कि परीक्षाओं से ही योग्यता, विश्वसनीयता, छात्रवृत्ति, पुरस्कार, प्लेसमेंट तथा विश्व के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश की स्वीकार्यता और बेहतर भविष्य-निर्माण की संभावनाओं में मदद मिलती है।

निशंक के मुताबिक इसलिए विद्यार्थियों के करियर की प्रगति एवं बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए इन परीक्षाओं का आयोजन बेहद जरूरी है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा है कि हम विद्यार्थियों के अकादमिक वर्ष को खराब नहीं कर सकते। मैं अन्य सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी अपील करता हूं कि वह इस संकट की घड़ी में हमारे छात्रों का साथ दें और परीक्षा हेतु उचित व्यवस्था का निर्माण करें जिससे विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा अथवा परेशानी का सामना न करना पड़े।


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