बिल्डरों के सभी प्रोजेक्ट व एस्क्रो एकाउंट की होगी जांच
नोएडा प्राधिकरण अब बिल्डरों के प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) की भी जांच कराएगा। वहीं बिल्डरों के साथ संयुक्त रूप से खोले जाने वाले एस्क्रो एकाउंट की भी जांच कराई जाएगी
नोएडा। नोएडा प्राधिकरण अब बिल्डरों के प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) की भी जांच कराएगा। वहीं बिल्डरों के साथ संयुक्त रूप से खोले जाने वाले एस्क्रो एकाउंट की भी जांच कराई जाएगी। जांच की जिम्मेदारी थर्ड पाटी को दी जाएगी। यह व्यवस्था रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के लागू होने के बाद प्राधिकरण की तरफ से की जाएगी। फिलहाल प्राधिकरण की तरफ से इसकी तैयारी की जा रही है।
बिल्डरों के किसी भी प्रोजेक्ट की डीपीआर की जांच अब तक प्राधिकरण स्तर से नहीं की जाती थी। वहीं बिल्डरों के साथ प्राधिकरण के एस्क्रो एकाउंट भी अब तक नहीं खोले गए हैं। रेरा के लागू होने के बाद सभी प्रोजेक्ट के लिए बिल्डरों की तरफ से प्राधिकरण के साथ मिलकर एस्क्रो एकाउंट खुलवाना अनिवार्य हो जाएगा। एस्क्रो एकाउंट खुलने के बाद इसमें होने वाले लेन-देन की जांच और जो पैसा खर्च किया गया, वह उसी प्रोजेक्ट में किस रूप में प्रयोग किया गया है, इसकी जांच थर्ड पार्टी से कराए जाएगी।
यह व्यवस्था लागू करने के साथ नोएडा प्राधिकरण द्वारा बिल्डर के प्रोजेक्ट की डीपीआर की भी थर्ड पार्टी जांच कराई जाएगी। प्राधिकरण को यह पता लगेगा कि बिल्डर ने अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने में जिस निर्माण सामग्री का प्रयोग कर रहा है, उसकी दर अधिक तो नहीं हैं। क्योंकि ऐसा होने पर बिल्डर की तरफ से अनावश्यक रूप से अधिक पैसा निर्माण सामग्री के लिए खर्च किया जाएगा। जिससे प्रोजेक्ट की कीमत बढ़ने के साथ निवेशकों पर भी अतिरिक्त भार पड़ेगा।
निर्माण सामग्री की निर्धारित दर का आकलन प्राधिकरण के रेट व दिल्ली में पीडब्ल्यूडी द्वारा प्रयोग किए जाने वाले रेट के आधार पर किया जाएगा। महंगी निर्माण सामग्री का प्रयोग किए जाने से इस बात की आशंका रहेगी कि बिल्डर अपने पैसे को किसी और माध्यम से खर्च करना चाह रहा है, ऐसे में पैसे की कमी प्रोजेक्ट को पूरा करने में बाधा बन सकता है।


