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एचपीसीएल के अधिग्रहण के लिए 'सारे विकल्प' खुले: ओएनजीसी

ओएनजीसी ने रविवार को कहा कि एचपीसीएल के अधिग्रहण के लिए 'सारे विकल्प' खुले हुए हैं, जिनमें संसाधनों का संग्रहण और धन के लिए अल्पकालिक उधारी शामिल हैं। 

एचपीसीएल के अधिग्रहण के लिए सारे विकल्प खुले: ओएनजीसी
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नई दिल्ली। देश में तेल व गैस अन्वेषण के क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) ने रविवार को कहा कि एचपीसीएल के अधिग्रहण के लिए 'सारे विकल्प' खुले हुए हैं, जिनमें संसाधनों का संग्रहण और धन के लिए अल्पकालिक उधारी शामिल हैं।

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) भी भारत सरकार का उपक्रम है और नवरत्न की श्रेणी में आता है।

ओएनजीसी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक शशि शंकर ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा, "इस सौदे के लिए लिए हमारे पास कई विकल्प खुले हुए हैं।"

गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को सरकार ने एचपीसीएल में अपनी हिस्सेदारी ओएनजीसी को बेचने को लेकर समझौता किया।

शशि शंकर ने कहा, "धन जुटाने के लिए एक विकल्प आंतरिक संग्रह है। इसके अलावा आंतरिक उधारी और तरल परिसंपत्तियां हैं। हम उपलब्ध सबसे लाभकारी विकल्प का उपयोग करेंगे।"

ओएनजीसी ने शनिवार को एचपीसीएल में केंद्र सरकार की 51 फीसदी हिस्सेदारी, जिसका मूल्य 36,900 रुपये से ज्यादा है, का अधिग्रहण करने की घोषणा की थी।

शंकर ने कहा, "इंडियन ऑयल और गेल में भी हमारी बड़ी हिस्सेदारी है और हम उधारी भी ले सकते हैं।"

उन्होंने बताया कि यह अधिग्रहण ओएनजीसी के लिए पूरी तरह उपयुक्त है क्योंकि इससे कंपनी को कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता से बचने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, "जब कच्चे तेल की कीमता बढ़ती है तो ओएनजीसी जैसी कंपनी को फायदा मिलता है, लेकिन एचपीसीएल जैसी तेलशोधक कंपनी प्रभावित होती है। इसके विपरीत तेल की कीमत गिरने पर तेल शोधक कंपनियों का कुल मार्जिन बढ़ जाता है जबकि ओएनजीसी जैसी तेल उत्पादक कंपनियां प्रभावित होती हैं। इसलिए यह अधिग्रहण बिल्कुल सही है। इससे छोटे स्तर के शेयरधारकों को फायदा मिलेगा।"


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