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चुनाव आयोग की आंख और कान बनकर काम करते हुए नजर आएं सभी पर्यवेक्षक : सीईसी

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने शुक्रवार को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए तैनात होने वाले पर्यवेक्षकों से कहा कि वे चुनाव आयोग की आंख और कान बनकर काम करते हुए नजर आएं, लोगों की पहुंच में रहें और साथ ही तटस्थ तथा नैतिक भी बने रहें

चुनाव आयोग की आंख और कान बनकर काम करते हुए नजर आएं सभी पर्यवेक्षक : सीईसी
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नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने शुक्रवार को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए तैनात होने वाले पर्यवेक्षकों से कहा कि वे चुनाव आयोग की आंख और कान बनकर काम करते हुए नजर आएं, लोगों की पहुंच में रहें और साथ ही तटस्थ तथा नैतिक भी बने रहें।

हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन) के माध्यम से 1400 से अधिक मतदान पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उन्हें पूरी तरह से बाज की नजरों (ईगल आई) के साथ कमान संभालनी चाहिए।

चंद्रा ने वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग व्यक्तियों और कोविड-19 संदिग्धों या प्रभावित व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा सहित सभी चुनावी प्रक्रियाओं पर अपडेटिड होने की सलाह देते हुए कहा कि उन्हें किसी भी चूक के बारे में सतर्क रहना चाहिए। उन्हें आदर्श आचार संहिता और अन्य ईसीआई दिशानिर्देश, मौजूदा कोविड दिशानिदेशरें के सख्त प्रवर्तन के साथ-साथ मतगणना प्रक्रिया को लेकर भी सतर्क रहने को कहा गया।

धन शक्ति के उपयोग या किसी भी प्रकार के प्रलोभन के प्रति आयोग की शून्य-सहनशीलता नीति पर जोर देते हुए, सीईसी ने व्यय पर्यवेक्षकों से अपने कौशल को तेज करने और प्रलोभन के नए तरीकों का मुकाबला करने में इनोवेटिव होने का आग्रह किया। उन्होंने नागरिकों को उल्लंघन के मामलों की रिपोर्ट करने के लिए सशक्त बनाने के लिए विजिल ऐप का उचित प्रचार सुनिश्चित करने के लिए कहा, ताकि उड़नदस्तों और निगरानी टीमों द्वारा त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

चंद्रा ने कहा, तीनों पर्यवेक्षकों (जनरल, पुलिस और इक्स्पेन्डिचर) को प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय में काम करना चाहिए और वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग व्यक्तियों और महिला मतदाताओं की सुविधा के लिए सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं की जांच के लिए अधिक से अधिक मतदान केंद्रों का दौरा करना चाहिए।

यह देखते हुए कि पर्यवेक्षक प्रणाली अब अच्छी तरह से स्थापित है और यह क्षेत्र के पदाधिकारियों के मार्गदर्शन के लिए चुनाव आयोग का एक विस्तृत और मजबूत इंटरफेस है, चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि पर्यवेक्षक चुनाव के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इस प्रकार मतदाताओं, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए उनके सुझावों और शिकायत निवारण में व्यक्तिगत रूप से भाग लेने के लिए सुलभ और ²श्यमान होने की आवश्यकता है।

चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आगाह किया कि मतदान कर्मियों द्वारा कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करने की मानवीय त्रुटियों के छिटपुट उदाहरण भी विमर्श को भटका सकते हैं और चुनाव को सुचारू रूप से संचालित करने की प्रक्रिया को पटरी से उतार सकता है।

कुमार ने चुनाव के सुचारू संचालन पर जोर दिया और कहा कि वे हमेशा विभिन्न हितधारकों की ओर से सख्त और सूक्ष्म जांच के दायरे में होते हैं और इसलिए उन्हें चुनाव प्रक्रिया के दौरान अपने व्यक्तिगत व्यवहार और आचरण के बारे में सावधान रहना चाहिए।

निर्वाचन आयोग के एक बयान के अनुसार, चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय ने कोविड महामारी के समय चुनाव कराने की चुनौती को स्वीकार करते हुए पर्यवेक्षकों से कहा कि वे सभी दलों एवं उम्मीदवारों के लिए समान अवसर वाली स्थिति सुनिश्चित करें।

उन्होंने मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों पर प रेशानी मुक्त और मतदाता हितैषी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। पांडेय ने कहा कि पर्यवेक्षकों को क्षेत्र के अधिकारियों के लिए मार्गदर्शक और संरक्षक के रूप में कार्य करना चाहिए और शांतिपूर्ण और डराने-धमकाने से मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय अर्ध-सैन्य बलों की तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।

इन अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय राजस्व सेवा के साथ ही देश भर में अन्य लेखा सेवाओं से लिया गया है और गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों के लिए जनरल, पुलिस और इक्स्पेन्डिचर पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया गया है।


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