इसरो की उपलब्धियों पर सभी देशवासियों को गर्व है : राष्ट्रपति
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की उपलब्धियों पर सभी देशवासियों को बहुत गर्व है

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की उपलब्धियों पर सभी देशवासियों को बहुत गर्व है। इसरो की टीम अपने 'मिशन गगनयान' में आगे बढ़ रही है और सभी देशवासी इस वर्ष 'भारतीय मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम' के और तेज गति से आगे बढ़ने की उत्साहपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। 71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, "देश के विकास के लिए एक सुदृढ़ आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था का होना भी जरूरी है। इसीलिए सरकार ने आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए अनेक ठोस कदम उठाए हैं।"
उन्होंने कहा, "देश की सेनाओं, अर्धसैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों की मैं मुक्त-कंठ से प्रशंसा करता हूं। देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने में उनका बलिदान अद्वितीय साहस और अनुशासन की अमर गाथाएं प्रस्तुत करता है। हमारे किसान, हमारे डॉक्टर और नर्स, विद्या और संस्कार देने वाले शिक्षक, कर्मठ वैज्ञानिक और इंजीनियर, सचेत और सक्रिय युवा, हमारे कल-कारखानों को अपने परिश्रम से चलाने वाले श्रमिक बंधु हमारे देश का गौरव हैं।"
राष्ट्रपति ने कहा, "किसी भी उद्देश्य के लिए संघर्ष करने वाले लोगों विशेष रूप से युवाओं को गांधीजी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखना चाहिए, जो कि मानवता को उनका अमूल्य उपहार है।"
उन्होंने कहा, "गणतन्त्र दिवस के उत्सव में विदेशी राष्ट्र प्रमुखों को आमंत्रित करने की हमारी परंपरा रही है। मुझे प्रसन्नता है कि इस वर्ष भी कल (रविवार) गणतंत्र दिवस के उत्सव में हमारे प्रतिष्ठित मित्र ब्राजील के राष्ट्रपति श्री बोल्सोनारो हमारे सम्मानित अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे।"
उन्होंने कहा कि विकास पथ पर आगे बढ़ते हुए हमारा देश और हम सभी देशवासी विश्व-समुदाय के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि हमारा और पूरी मानवता का भविष्य सुरक्षित रहे और समृद्धिशाली बने।
इस दौरान राष्ट्रपति ने 26 जनवरी के ऐतिहासिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "आज से सात दशक पहले 26 जनवरी को हमारा संविधान लागू हुआ था। उसके पहले ही इस तारीख का विशेष महत्व स्थापित हो चुका था। 'पूर्ण स्वराज' का संकल्प लेने के बाद हमारे देशवासी 1930 से 1947 तक प्रतिवर्ष 26 जनवरी को 'पूर्ण स्वराज दिवस' मनाया करते थे। इसीलिए सन 1950 में उसी ऐतिहासिक दिवस पर हम भारत के लोगों ने संविधान के आदशरें के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए एक गणतंत्र के रूप में अपनी यात्रा शुरू की और तब से प्रतिवर्ष 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं।"
उन्होंने लोगों को जागरूक करते हुए कहा, "आधुनिक गणराज्य की शासन व्यवस्था के तीन अंग होते हैं - विधायिका, कार्य-पालिका और न्याय-पालिका। ये तीनों अंग स्वायत्त होते हुए भी एक दूसरे से जुड़े होते हैं और एक दूसरे पर आधारित भी होते हैं, मगर वास्तव में तो लोगों से ही राष्ट्र बनता है। 'हम भारत के लोग' ही अपने गणतंत्र का संचालन करते हैं। अपने साझा भविष्य के बारे में निर्णय लेने की वास्तविक शक्ति हम भारत के लोगों में ही निहित है।"


