Top
Begin typing your search above and press return to search.

अखिल भारतीय कालिदास समारोह आठ नवंबर से

मध्यप्रदेश के उज्जैन में आठ नवंबर से शुरु होने वालें अखिल भारतीय कालिदास समारोह में संस्कृति, कला और शोध व्याख्यान का अनूठा संगम दिखाई देगा।

अखिल भारतीय कालिदास समारोह आठ नवंबर से
X

उज्जैन । मध्यप्रदेश के उज्जैन में आठ नवंबर से शुरु होने वालें अखिल भारतीय कालिदास समारोह में संस्कृति, कला और शोध व्याख्यान का अनूठा संगम दिखाई देगा।

मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग, विक्रम विश्वविद्यालय और कालिदास संस्कृत अकादमी एवं मप्र संस्कृति परिषद के संयुक्त तत्वावधान में 08 से 14 नवंबर तक अखिल भारतीय कालिदास समारोह यहां आयोजित किया जायेगा। कालिदास समारोह की पूर्व सन्ध्या पर 7 नवंबर की शाम राजकोट के हेमन्त चौहान एवं साथियों द्वारा नान्दी कार्यक्रम के अन्तर्गत गायन की प्रस्तुति दी जायेगी। उज्जैन के पं.आशुतोष शास्त्री भी अपने गायन से दर्शकों एवं श्रोताओं को मुग्ध करेंगे।

कालिदास संस्कृत अकादमी के भरत विशाला रंगमंच पर 8 नवंबर को उज्जैन के डॉ.रोहित चावरे गायन और गीत गोविन्दम संस्कृत नृत्य नाटिका तपस्या सेन्टर फॉर परफार्मिंग आर्ट्स इम्फाल द्वारा भी अपनी प्रस्तुति दी जायेगी। 09 नवंबर को सुरभि पाराशर कथक नृत्य की प्रस्तुति देंगी तथा हिन्दी नाटक लहरों के राजहंस का अभिनव रंग मण्डल द्वारा मंचन किया जायेगा। 10 नवंबर को उज्जैन की पलक कौर द्वारा कथक की प्रस्तुति दी जायेगी, जयपुर के मोहम्मद अमान द्वारा गायन किया जायेगा तथा मुम्बई की जयन्ती माला एवं साथियों द्वारा कथक की समूह नृत्य की प्रस्तुति दी जायेगी।

इसी प्रकार 11 नवंबर को महाकवि कालिदास द्वारा रचित संस्कृत नाटक मालविकाग्निमित्रम की प्रस्तुति व इसके पश्चात शाम को उज्जैन की हर्षा व्यास कथक की प्रस्तुति देंगी। इसी दिन राजस्थान एवं गुजरात राज्यों की लोकनृत्य प्रस्तुति होगी तथा इजिप्ट देश के तनोरा नृत्य की भी विशेष प्रस्तुति होगी। 12 नवंबर को इन्दौर की आयुषी दीक्षित कथक नृत्य प्रस्तुत करेंगी। इसके अलावा कुचिपुड़ी, भरतनाट्यम एवं छाऊ समूह की प्रस्तुति नईदिल्ली की वनश्री राव और उनके साथियों द्वारा दी जायेगी। 13 नवंबर को धौलपुर के देवेन्द्र शर्मा कथक एवं इन्दौर की कल्पना एवं अनुजा झोकरकर अपने युगल गायन की प्रस्तुति देंगी। भोपाल की वी.अनुराधा सिंह द्वारा कथक नृत्य भी प्रस्तुत किया जायेगा। 14 नवंबर को नईदिल्ली की रचना यादव एवं साथियों द्वारा कथक समूह नृत्य की प्रस्तुति दी जायेगी। वायलीन एवं बांसुरी की जुगलबंदी दिल्ली के असगर हुसैन एवं पटियाला के डॉ.मुज्तबा हुसैन द्वारा की जायेगी।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 8 नवंबर से प्रारम्भ हो रहे अखिल भारतीय कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ सारस्वत आयोजन भी किये जायेंगे। कालिदास साहित्य के वैदिक आधार पर राष्ट्रीय संगोष्ठी कालिदास संस्कृत अकादमी के अभिरंग नाट्य गृह में आयोजित की जायेगी। 9 नवंबर को ही कालिदास सभागार और सिंधिया प्राच्य विद्या शोध संस्थान द्वारा शोध संगोष्ठी आयोजित की जायेगी। तत्पश्चात कालिदास का शब्दार्थ शिल्प पर व्याख्यान में वक्ता डॉ.मनुलता शर्मा (वाराणसी)होंगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता जयपुर के डॉ.ताराशंकर शर्मा करेंगे।

10 नवंबर को राष्ट्रीय संगोष्ठी के द्वितीय सत्र और शोध संगोष्ठी के द्वितीय सत्र के बाद अभिज्ञानशाकुन्तलम में प्रतीकों की योजना पर व्याख्यान आयोजित किया जायेगा। इसके वक्ता अहमदाबाद के डॉ.वसन्त कुमार भट्ट होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता चित्रकूट के डॉ.योगेशचन्द्र दुबे करेंगे। 11 नवमंबर को शोध संगोष्ठी के तृतीय सत्र में विक्रम कालिदास पुरस्कार चयनित शोध पत्र का वाचन किया जायेगा एवं कालिदास का प्रकृति प्रसाद पर व्याख्यान आयोजित किया जायेगा। इसके वक्ता सोमनाथ के डॉ.नरेन्द्र कुमार पण्ड्या होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जबलपुर के डॉ.कृष्णकान्त चतुर्वेदी करेंगे। 12 नवंबर को शोध संगोष्ठी का चतुर्थ सत्र आयोजित किया जायेगा। इसके बाद दोपहर एक बजे अन्तर्विश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it