शराबबंदी से सबसे अधिक गरीब-गुरबों को फायदा हुआ है : नीतीश
शराबबंदी लागू होने से राज्य में घरेलू हिंसा, महिला उत्पीड़न, सड़क दुर्घटना और आपसी कलह के मामले में कमी आई है

पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि शराबबंदी लागू होने से राज्य में घरेलू हिंसा, महिला उत्पीड़न, सड़क दुर्घटना और आपसी कलह के मामले में कमी आई है।
श्री कुमार ने यहां नशा मुक्ति दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद कहा कि शराबबंदी लागू होने से राज्य में घरेलू हिंसा, महिला उत्पीड़न, सड़क दुर्घटना और आपसी कलह के मामले में कमी आई है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से सबसे अधिक गरीब-गुरबों को फायदा हुआ है और पूरे राज्य में शांति का माहौल कायम है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग वकालत कर लोगों को भटकाने में लगे हैं, जिसे जानकर आश्चर्य होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ सरकारी तंत्र और कानून के भरोसे पूर्ण कामयाबी नहीं मिलेगी बल्कि इसके लिए निरंतर सामाजिक अभियान चलाकर लोगों को सजग, सक्रिय और सतर्क करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी के बाद भी चोरी-छिपे चंद धंधेबाज और विकृत मानसिकता के लोग छोटे बच्चों का उपयोग कर शराब की आपूर्ति करने में लगे हैं, जिन पर कार्रवाई हो रही है।
श्री कुमार ने शराब सेवन से स्वास्थ्य और समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के संदर्भ में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के सारांश का उल्लेख करते हुए कि रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में दुनिया में जितनी मौतें हुई हैं, उनमें 5.3 प्रतिशत मौत शराब सेवन से हुई है। शराब के कारण होने वाली मौतों में बूढ़ों की अपेक्षा युवाओं की मृत्यु दर अधिक है। शराब सेवन करने वाले 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों की मृत्यु दर 13.5 है। उन्होंने कहा कि टीबी, एचआईवी और मधुमेह से होने वाली मौत की तुलना में शराब सेवन से अधिक मौत हो रही है।
सूरज रमेश


