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झांसी में अखिलेश यादव की 'विजय रथ' यात्रा, करेंगे जनसभा को संबोधित

उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों मिशन बुंदेलखंड पर है और ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं

झांसी में अखिलेश यादव की विजय रथ यात्रा, करेंगे जनसभा को संबोधित
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झांसी। उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों मिशन बुंदेलखंड पर है और ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं। शुक्रवार को अखिलेश के मिशन बुंदेलखंड का तीसरा दिन है। तीसरे चरण में झांसी में अपनी विजय रथ यात्रा निकालेंगे और कई इलाकों में जनसंपर्क और रैली करेंगे। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह साढ़े 10 बजे विजय रथ की शुरुआत होगी। वहीं झांसी के लक्ष्मी गार्डन, इलाइट चौराहा, जेल चौराहा, कचहरी चौराहा, कुंज वाटिका विवाह घर, मण्डी तिराहा, विश्वविद्यालय गेट, मेडीकल कालेज गेट, मेडीकल वाईपास तिराहा होते उनकी विजय यात्रा निकलेगी । इन जगहों पर उनका कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत भी किया जायेगा।

इसके बाद वह बड़ागांव स्थित महंत लक्ष्मण दास कन्या इण्टर कॉलेज में विशाल जनसभा को सम्बोधित करेंगें। वहीं चिरगांव में राष्ट्रीय कवि मैथिलीशरण महाविद्यालय व मोंठ में टीका राम महाविद्यालय में जनसभाओं को सम्बोधित करेंगे।

हालांकि इससे पहले वह ललितपुर में बीजेपी सरकार पर बरसे। उनके निशाने पर भाजपा के साथ ही साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी थे। अखिलेश यादव ने भाजपा पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान किसानों का मुद्दा उठाया। वहीं कहा कि परिवार के हर सदस्य का दर्द एक परिवार का आदमी ही समझ सकता है।

दरअसल बुंदेलखंड में हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट मिलाकर एक मंडल है। झांसी, ललितपुर, जालौन मिलाकर दूसरा मंडल है। वहीं यहां कुल सात जिले और 19 विधानसभा सीटें हैं। अखिलेश यादव के लिए बुंदेलखंड एक बड़ी चुनौती बना हुआ है क्योंकि इस क्षेत्र में भाजपा ज्यादा मजबूत है।

इन सभी 19 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है और बुंदेलखंड सियासी तौर पर इस बार सपा के लिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सपा, बसपा और कांग्रेस का इस इलाके में पूरी तरह से सफाया कर दिया था।

2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही थी। ऐसे में सपा को इस बार बुंदेलखंड के इलाके से बहुत ज्यादा उम्मीदें बनी हुई हैं। समाजवादी पार्टी अपने साथ छोटे-छोटे दलों का बड़ा गठबंधन बनाने में जुटी है।


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