अखिलेश यादव का केंद्र पर निशाना, 'अगर बुंदेलखंड में मिसाइलें बनी होतीं तो...'
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे बुंदेलखंड में मिसाइलें बन गई होतीं, तो हमें रूस से नहीं मंगानी पड़ती

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे बुंदेलखंड में मिसाइलें बन गई होतीं, तो हमें रूस से नहीं मंगानी पड़ती।
अखिलेश यादव ने मंगलवार को सपा कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर से जमीन और कम होती जा रही है, नेताजी हमेशा कहते थे कि जमीन सिकुड़ रही है। इसलिए हमारे किसानों के साथ धोखा न हो, जो उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर किसानों की जमीनें छीनी जा रही हैं, समाजवादी पार्टी की मांग है कि किसानों को बाजार की कीमत मिलनी चाहिए।
सपा प्रमुख ने कहा कि यह सरकार मजदूरों के अधिकारों को छीन रही है, मजदूर भाइयों को कोई सुविधा नहीं दे रही है। सरकार झांसी और बुंदेलखंड में मिसाइल बना रही थी, लेकिन हकीकत यह है कि सुतली बम तक नहीं बना पाई। अगर मिसाइल बनाने लगते तो हमें दूसरे देशों से हथियार खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती। सरकार, जाति विशेष खासकर समाजवादियों को परेशान कर रही है, लेकिन मैं कह रहा हूं, जिसको पीड़ा है, उसके साथ पीड़ा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार जेपीएनआईसी को बेचना चाह रही है तो हम यह कहना चाहते हैं कि सभी समाजवादी मिलकर जेपीएनआईसी को लेना चाहते हैं। जब सबकुछ बिक रहा है तो अब बसें भी बिकेंगी। भाजपा एसेट्स बनाना नहीं जानती, वह बस बेचने में लगी है। जिस दिन चाहेंगे, साक्षी महाराज समाजवादी पार्टी में आ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार मजदूरों के अधिकारों को छीन रही है। उनको कोई सिक्योरिटी और सेफ्टी नहीं दे रही। उनकी समस्याओं का समाधान भी नहीं कर रही। जिस तरीके से किसानों का शोषण चरम सीमा पर है, उससे भी ज्यादा हमारे मजदूरों का शोषण है। अलग-अलग तरीके से सरकार मजदूरों से काम भी ले रही है। लेकिन, उन्हें जो सम्मान मिलना चाहिए, जो उनके अधिकार हैं, उनके तहत सुविधा मिलनी चाहिए, वह भी सरकार नहीं दे रही है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि भविष्य में समाजवादी पार्टी मजदूरों की लड़ाई लड़ेगी। किसानों को बाजार भाव मिलना चाहिए। उनसे जबरन कागज पर हस्ताक्षर नहीं कराने चाहिए। उनका हक किसी कीमत पर नहीं छीना जाना चाहिए। विस्थापित किसानों को सरकार ने जमीन नहीं दी है। उन्हें जमीन उपलब्ध करानी चाहिए।


