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योगी सरकार के आखिरी बजट पर अखिलेश का तंज- 'खेल खतम पैसा हजम'

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार के कार्यकाल के आखिरी बजट पर तंज कसते हुए कहा कि “ खेल खतम पैसा हजम।”

योगी सरकार के आखिरी बजट पर अखिलेश का तंज-  खेल खतम पैसा हजम
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प्रयागराज। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार के कार्यकाल के आखिरी बजट पर तंज कसते हुए कहा कि “ खेल खतम पैसा हजम।”

पूर्व सांसद सलीम शेरवानी के यहां एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने आये श्री यादव ने पत्रकारों से कहा “ योगी आदित्यनाथ सरकार का पेश यह पांचवा और अखिरी बजट था। अब इसके बाद उन्हें चाहकर भी ऐसा अवसर मिलने वाला नहीं है। इसका मतलब है कि खेल खतम पैसा हजम।”

उन्होने कहा कि यह बजट आम लोगों को धोखा देने वाला है। इसमें गरीब, बेरोजगार और किसानों के लिए कुछ नहीं है, केवल उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाया गया है। किसान धरना प्रदर्शन कर रहा है लेकिन सरकार उनकी नहीं सुन रही है। सरकार केवल जाति, धर्म और द्वेष फैलाकर अपनी राजनीति कर रही है। लोगों को मूल मुद्दो से भटकाने के लिए जाति और धर्म के मामलों में उलझा कर रख दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा “ भाजपा सरकार ने लोगों के लिए नौकरी, रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं बनायी। लोग बेरोजगार हो घूम रहे हैं। नौकरियां भी लोगों की समाप्त कर दी गयी। ये सरकार हमें-आपको नहीं छेडेगी। ये सरकार जब गंगा माँ की नहीं हुई तो हमारी-आपकी क्या होगी। गंगा साफ नहीं हुई बल्कि गंगा सफाई का बजट साफ हो गया।”

अखिलेश ने कहा कि सरकार लोगों के बीच से भाईचारा खत्म कर लोगों में नफरत के बीज बो रही है। जनता अब समझ चुकी है। वह समाजवादी पार्टी की ओर देख रही है। जो नेता दूसरी पार्टियों को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं, 2022 चुनाव से पहले वह सभी सपा में शामिल होंगे। सरकार ऐसी हाेनी चाहिए जो सब के लिए खुशहाली और भेदभाव से परे होकर काम करे। जनता प्रदेश में योगी फ्री सरकार चाहती है। वह अब सपा सरकार की तरफ ताक रही है।

पेट्रोल और डीजल की मूल्य वृद्धि पर उन्होने कहा कि सरकार कहती है इसे हम घटा नहीं सकते क्योंकि यह कम्पनियों का है। सरकार चाहे तो सब कुछ कर सकती है लेकिन उसकी मंशा साफ नहीं है इसलिए वह इस प्रकार की बयानबाजी करती है। उसे केवल उद्योगपतियों की चिंता है, गरीबों और किसानों और आमजन की नहीं। किसान को बाजार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। वहां तो हमेशा ही मूल्य घटते बढ़ते रहते हैं। लिहाजा उनके आनाजों के न्यूनतम भाव तय होने चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन कानून पर उन्होने कहा जब पूरा देश विरोध कर रहा है तब सरकार किसानों पर जबरन क्यों इसे थोप रही है। किसान का जब सब कुछ कम्पनियां खरीद लेंगी और फिर वह इसे महंगे दामों पर बेचेंगी तब हमें मजबूर होकर उसे खरीदना पडेगा। सरकार की मंशा सकारात्मक हो तो सभी को लाभ मिल सकता है, लेकिन इस सरकार की मंशा केवल और केवल उद्योगपतियों के लिए साफ है। राजनेता तीन कानून पर कोई चर्चा करता है तब सरकार उसे राजनीति करने का आरोप लगाती है।

अखिलेश यादव ने कहा कि सपा सरकार ने भगवान परशुराम और भगवान विश्वकर्मा पर छुट्टी घोषित किया था लेकिन भाजपा सरकार ने इन्हे रद्द कर दिया। पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामपूजन पटेल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह ऐसे नेता थे जो सच कहने से कभी हिचकते नहीं थे। वह गरीब, मजदूर और पिछड़ी जातियों की आवाज बनकर उभरे थे। उन्होने अनेक कठिन भूमिकाओं को बड़े ही सहजता और धैर्य के साथ निभाया। श्री अखिलेश ने बताया उनसे प्रदेश में सपा की सरकार नहीं बनने और भाजपा की सरकार के गठन को लेकर पूछा तब उन्होने कहा कि भाजपा ने लोगों के बीच सही तरीके से अपने संदेश को रोपित किया जिसमें सपा असफल रही। पटेल का लम्बी बीमारी के बाद सोमवार को उनके निवास तेलियरगंज में निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे।


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