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सोने के भाव बढ़ने को लेकर अखिलेश का सरकार पर निशाना, बोले- सोने-चांदी की दुकानों में बढ़ रही वारदात

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोने के दाम बढ़ने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में सोने-चांदी की दुकानों में लगातार डकैती और चोरी की वारदातें बढ़ी हैं

सोने के भाव बढ़ने को लेकर अखिलेश का सरकार पर निशाना, बोले- सोने-चांदी की दुकानों में बढ़ रही वारदात
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोने के दाम बढ़ने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में सोने-चांदी की दुकानों में लगातार डकैती और चोरी की वारदातें बढ़ी हैं।

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने रविवार को सोने के भाव एक लाख से ऊपर जाने को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा कि सोने का भाव ‘1 लाख’ से ऊपर जाना अन्य निवेशों पर अविश्वास और आर्थिक अनिश्चितता का प्रतीक है। ये देश और व्यापार के लिए अच्छा नहीं है। इन हालातों में सरकार कानून-व्यवस्था और पुलिसिंग पर विशेष ध्यान दे। क्योंकि इससे सोने की राहजनी, छिनैती, चोरी व लूट जैसे अपराध बढ़ेंगे। खासतौर से तब जब देश-प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है।

सपा मुखिया अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में सोने-चांदी की दुकानों में लगातार डकैती और चोरी की वारदातें बढ़ी हैं, अतः सुरक्षा की समीक्षा के लिए सोने-चांदी के व्यापारियों के संगठनों के साथ नियमित बैठक की जाएं। रात में सर्राफा बाजारों की विशेष पेट्रोलिंग हो और सीसीटीवी की व्यवस्था की नियमित चेकिंग हो। निजी सुरक्षा गार्ड व घरों में काम करने वालों की नियुक्तियों में उनकी व्यक्तिगत पृष्ठभूमि की गंभीर जांच हो, जिससे अपराधी प्रवृत्ति के लोग गार्ड, ड्राइवर या सहायक बनकर सुरक्षा व्यवस्था में सेंधमारी न कर सकें।

अखिलेश यादव ने लिखा कि हाल के कुछ सालों में बैंकों के लॉकरों से भी आम जनता का सोना चोरी हुआ है, इसलिए बैंकों की सुरक्षा के लिए भी अतिरिक्त व्यवस्था की जाए। आम जनता से भी सजग रहने की अपील की जाए। शादी समारोह स्थलों व शादी-गृहों, होटलों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाए। पुलिसकर्मियों की कमी को दूर करने के लिए नियमित भर्ती जैसे दूरगामी कदम भी उठाए जाएं क्योंकि भाजपा राज में जब 3-4 सालों में भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी, तब तक 50-60 हज़ार पुलिसकर्मी रिटायर हो चुके होंगे तो पुलिसकर्मियों की कमी फिर वहीं की वहीं रह जाएगी।


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