नोटबंदी और नक्सलवाद पर अखिलेश ने उठाया सवाल
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से पूछा है कि नोटबंदी के बाद नक्सलवाद खत्म होने के उसके दावे कहां चले गये

लखनऊ| छत्तीसगढ में शहीद हुए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से पूछा है कि नोटबंदी के बाद नक्सलवाद खत्म होने के उसके दावे कहां चले गये।
श्री यादव ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि नोटबंदी के दौरान कश्मीर में पत्थरबाजी और देश के अन्य भागों में नक्सलवाद के खत्म हो जाने के दावे किये जा रहे थे, लेकिन पत्थरबाजी और नक्सलवाद पूर्ववत चल रहा है। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले नक्सलवादी हिंसा में मारे गये जवानों के प्रति शोक व्यक्त करते हैं।
साथ ही, देश के नौजवानों से अपील करते हैं कि अर्थव्यवस्था दुरुस्त करने के लिये कुछ सोचें, क्योंकि अर्थव्यवस्था ठीक होगी तभी रोजगार के अवसर बढेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा भावनात्मक मुद्दो के जरिये लोगों को बहकाकर वोट ले लेती है।
अब लोगों को खासतौर पर नौजवानों को सोचना होगा कि वोट देते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद को समाप्त करने के लिये एक रोडमैप बनाया जाना चाहिये। यह भी देखना होगा कि नक्सलवादियों के पास बारुद और बंदूक कहां से आ रहे हैं, लेकिन इस सबके बावजूद बातचीत का रास्ता खुला रखना होगा।


