Top
Begin typing your search above and press return to search.

अम्बेडकर को श्रद्धांजलि देने महू जाएंगे अखिलेश, जयंत और चंद्रशेखर

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी और आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की जयंती पर मध्य प्रदेश के इंदौर जिला स्थित उनके गृह नगर महू जाएंगे

अम्बेडकर को श्रद्धांजलि देने महू जाएंगे अखिलेश, जयंत और चंद्रशेखर
X

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी और आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की जयंती पर मध्य प्रदेश के इंदौर जिला स्थित उनके गृह नगर महू जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, तीनों नेता बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर माल्यार्पण करेंगे।

इस कवायद को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी दलों द्वारा दलित समुदाय में अपनी पैठ मजबूत करने से जोड़कर देखा जा रहा है।

समाजवादी पार्टी के सूत्रों ने कहा कि हालांकि महू में कोई रैली निर्धारित नहीं है, लेकिन नेता सभा को संबोधित भी कर सकते हैं।

एसपी-आरएलडी गठबंधन ने पूरे राज्य, और खासकर पश्चिम उत्तर प्रदेश, में दलितों को अपने पक्ष में करने के लिए चंद्रशेखर आजाद को अपने साथ मिलाया है।

सपा नेता लोहिया और अंबेडकर के अनुयायियों को एक साथ लाने के लिए वर्तमान राजनीतिक परि²श्य को अनुकूल सामाजिक माहौल मान रहे हैं। उन्हें विश्वास है कि उनके प्रयासों के पहले से बेहतर परिणाम मिलेंगे।

पूर्व में इस तरह के तीन प्रयास किए जा चुके हैं। पहली बार 1956 में जब भीमराव अम्बेडकर और राम मनोहर लोहिया ने सामाजिक न्याय के लिए मिलकर काम करने के लिए एक बैठक की योजना बनाई थी, हालांकि बैठक होने से पहले ही अम्बेडकर का निधन हो गया। दूसरा प्रयास 1992 में हुआ जब कांशीराम और मुलायम सिंह यादव एक हो गए। तीसरा प्रयास तब किया गया जब अखिलेश यादव ने 2019 में मायावती के साथ गठबंधन किया।

इस बार, अंतर यह है कि ज्यादातर दलितों का बसपा से मोहभंग हो चुका है-जिस पार्टी से वे पहले अपनी पहचान रखते थे। अखिलेश दलितों के साथ पुल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

हाल ही में उन्होंने रायबरेली में दिवंगत कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण किया था। वह पार्टी विधायक अवधेश प्रसाद को सपा के दलित चेहरे के रूप में भी प्रचारित करते रहे हैं।

सपा की लोगों तक पहुंच बनाने की कोशिश पार्टी की उस रणनीति का हिस्सा है जिसे 2021 में तैयार किया गया था, जब अम्बेडकर जयंती पर सपा प्रमुख ने बाबा साहेब वाहिनी के नाम से एक अलग शाखा बनाई थी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it