तमाशाई न बनें अखिलेश और तेजस्वी, सोनिया की तरह करें ईरान का समर्थन: शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की ओर से ईरान-इजरायल संघर्ष को लेकर लिए गए लेख पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का बयान आया है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने अपनी जिम्मेदारी को निभाया है

बरेली। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की ओर से ईरान-इजरायल संघर्ष को लेकर लिए गए लेख पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का बयान आया है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने अपनी जिम्मेदारी को निभाया है।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने रविवार को एक बयान में कहा, "कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने एक आर्टिकल लिखकर ईरान का समर्थन किया है। यह उनकी जिम्मेदारी भी बनती थी कि फॉरेन पॉलिसी में भारत की छवि को धूमिल होने से बचाया जाए। सोनिया गांधी ने अपनी जिम्मेदारी को निभाया है। मैं इतना ही कहूंगा कि जितने भी राजनीतिक दलों के नेता हैं, उनको भी अपनी जिम्मेदारी को निभाना चाहिए। चाहे वह समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव हों या फिर लालू के बेटे तेजस्वी यादव हों, उनको अब खुलकर मुस्लिमों के मुद्दे पर बात करनी चाहिए और ईरान को अपना समर्थन देना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "यह नेता मुसलमानों का झोली भरकर वोट लेते हैं, लेकिन जब मुस्लिमों के समर्थन की बात आती है तो वह (अखिलेश यादव) तमाशाई बनकर चुपचाप खड़े रहते हैं। अखिलेश तो एक्स (ट्विटर) पर भी नहीं बोलते और बंद कमरे में एसी की हवा लेते रहते हैं। उनको मुस्लिमों से जुड़े मुद्दों में कोई दिलचस्पी नहीं होती है। हालांकि, अगर समाजवादी पार्टी का कोई एक कार्यकर्ता भी गिरफ्तार हो जाता है और वह मुस्लिम नहीं होता है तो वह खुद डीजीपी ऑफिस में जाकर धरना प्रदर्शन करते हैं। कांग्रेस खुलकर मुसलमानों का समर्थन कर रही है, जबकि अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव मुंह छुपाए बैठे हैं।"
‘ऑपरेशन सिंधु’ पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा, "ईरान में फंसे छात्रों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था करके भारत ने एक सराहनीय कदम उठाया है। हर एक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक और भारत सरकार की जिम्मेदारी थी। ईरान में मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारतीयों की निकासी और सुरक्षित वापसी एक महत्वपूर्ण मुद्दा था और भारत सरकार ने इसे गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ संभाला है।"


