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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उच्च शिक्षा एवं शोध पर जीडीपी का 2 प्रतिशत खर्च करने की मांग की

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद- अभाविप ने उच्च शिक्षा एवं शोध पर किए जा रहे खर्च को बढ़ाने की मांग करते हुए कहा है कि इस पर जीडीपी के 2 प्रतिशत की राशि खर्च की जानी चाहिए

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उच्च शिक्षा एवं शोध पर जीडीपी का 2 प्रतिशत खर्च करने की मांग की
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नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद- अभाविप ने उच्च शिक्षा एवं शोध पर किए जा रहे खर्च को बढ़ाने की मांग करते हुए कहा है कि इस पर जीडीपी के 2 प्रतिशत की राशि खर्च की जानी चाहिए। इसके साथ ही अभाविप ने अकादमिक सत्र में विलंब और प्रवेश परीक्षाओं तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में अनियमितताओं पर भी चिंता जाहिर की है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने उच्च शिक्षा तथा शोध क्षेत्र में अधिक बजट आवंटित करने, राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान के लिए निर्धारित बजट को चरणबद्ध तरीके से जारी करने, भारतीय भाषाओं में तकनीकी, मेडिकल सहित सभी पाठ्यक्रमों को पढ़ने का अवसर देने, कोरोना के उपरांत विलंब से चल रहे अकादमिक सत्र को पुन: पटरी पर लाने के साथ-साथ एनटीए द्वारा आयोजित की जा रही परीक्षाओं में विलंब तथा तकनीकी दिक्कतों को ठीक करने और प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी ढंग से आयोजित कराने को लेकर भी सरकार से छात्रों के हित में शीघ्र निर्णय लेने की मांग की है।

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने आगे कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था एक व्यापक परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। भारत में करोड़ों की संख्या में छात्र हैं, उनकी आशाओं को यदि पंख देना है तो भारत सरकार के साथ-साथ देश की राज्य सरकारों को भी ईमानदारी से काम करना होगा। वहीं अभाविप दिल्ली के प्रदेश मंत्री अक्षित दहिया ने कहा कि, देश में शिक्षा व्यवस्था को नवाचारों से जोड़ने के प्रयास तीव्र होने चाहिए। भारत में छात्रों की कुल संख्या विश्व के अनेक देशों की कुल संख्या से भी ज्यादा है, ऐसे में युवाओं को शोध,स्किल तथा अच्छी शिक्षा द्वारा एक ऐसे वैश्विक नागरिक के रूप में गढ़ना होगा जो विश्व का नेतृत्व करने वाला हो।

गौरतलब है कि 25-27 नवंबर के बीच जयपुर में हुए अभाविप के 68 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए बजट के आवंटन, भारतीय ज्ञान परंपरा से युक्त भारतीय भाषाओं में पढ़ाई होने, आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीएफआई जैसे संगठनों व उनसे सहानुभूति रखने वालों का कड़ा प्रतिकार करने तथा भारत की वैश्विक पटल पर उभरती भूमिका जैसे विषयों सहित पांच प्रस्ताव परित किए गए थे। आपको बता दें कि, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का अगला राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।


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